आज गणतंत्र दिवस है। इसी खास दिवस पर हम लाए हैं आपके लिए एक ऐसा लेख जो देश के जवानों की वीरता और उनके साहसिक जज्बे को सलाम करता है। इस शहादत का साक्षी बना है राजस्थान का जैसलमेर जिला, जहां भारतीय सेना के साहस के तमाम कारनामों को जीवंत किया गया है। हम बात कर रहे हैं ‘जैसलमेर वॉर म्यूजियम’ की। 24 अगस्त, 2015 को दक्षिण कमान के जनरल आॅफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अशोक सिंह ने 1965 के भारत-पाक युद्ध की स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर जैसलमेर वॉर म्यूजियम (जैसलमेर युद्ध संग्रहालय) का उद्घाटन किया था। यह संग्रहालय जैसलमेर से 10 किमी. दूर जैसलमेर-जोधपुर राजमार्ग पर स्थित है। 1965 में हुए युद्ध में शहीद वीरों के साहस को सलाम करता यह सैन्य स्मारक सप्ताह के सातों दिन पर्यटकों के लिए खुला रहता है। यहां सभी के लिए प्रवेश मुफ्त रखा गया है। बता दें कि वर्ष 1965 के आमने-सामने के युद्ध में पाकिस्तान को भारत से मुंह की खानी पड़ी थी।
जैसलमेर वॉर म्यूजियम देश के पश्चिमी हिस्से का पहला वॉर म्यूजियम (युद्ध संग्रहालय) है। यह युद्ध स्मारक लोंगेवाला में उसी स्थान पर है जहां 4 दिसम्बर से 5 दिसम्बर के बीच लोंगेवाला पोस्ट पर 1971 में भारत-पाक युद्ध लड़ा गया था। म्यूजियम के अंदर दो बड़े हॉल बना कर इनमें युद्ध संबंधी विभिन्न चीजें प्रदर्शित की गई हैं। इसके अलावा अलग से एक कक्ष में ऑडियो विजुअल शो की व्यवस्था की गई है। 1971 में पाकिस्तान के साथ हुई लड़ाई के दौरान इस्तेमाल किए गए हंटर विमान को भी यहां रखा गया है। यहां एक एम्पीथियेटर सेक्शन डिफेंडेड पोस्ट भी है जिसके क्षरा 1965 के युद्ध को दर्शाया गया है। संग्रहालय में युद्ध में जब्त हथियारों, टैंकों एवं सैन्य वाहनों की एक विस्तृत श्रृंखला को देखना एक गर्व भरने वाला दृश्य है।
जैसलमेर वॉर म्यूजियम परिसर में घुसते ही आप विभिन्न युद्धों में इस्तेमाल किए गए टैंकों, विमानों और सैन्य वाहनों को देख-समझ सकते हैं। बाहर दीवारों पर इन युद्धों के हीरो के नाम और परिचय मिलेंगे तो अंदर के हॉल में विभिन्न तस्वीरों में उनकी कहानियों को बयां किया गया है। यहां लोंगेवाल की लड़ाई के दौरान इस्तेमाल किए गए रक्षा उपकरण के साथ ही युद्ध के दौरान कब्जे में लिए गए पाकिस्तानी सेना के उपकरणों को भी देखा जा सकता है। जब्त किए गए टैंकों में से एक मेरठ छावनी की शोभा बढ़ा रहा है।
इसके अलावा अलग से एक कक्ष में ऑडियो विजुअल शो की व्यवस्था की गई है। इसमें विभिन्न अभियानों में भारतीय सैन्य बलों के अदम्य साहस को दर्शाने वाली फिल्में दिखाई जाएंगी। सैन्य बलों से संबंधित कार्यक्रमों के लिए एक मुक्ताकाश ऑडिटोरियम भी बनाया गया है। जैसलमेर वॉर म्यूजियम की दीवारों पर इस युद्ध में शानदार भूमिका निभाने वाले फौजियों की तस्वीरें बनाई गई हैं।
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