लोकतंत्र में जनता किसे सिरमौर बनाकर सत्ता के शीर्ष तक लेकर जाएगी ये अभी तक भी भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन, कांग्रेस एग्जिट पोल के जरिए ये मान चुकी है कि सत्ता ने उनका दामन थाम लिया है। जबकि सच तो ये है कि एग्जिट पोल 10 से 15 हज़ार लोगों के बीच किया गया एक सर्वे मात्र है जो जीत की गारंटी नहीं देता लेकिन सुकून बहुत देता है और शायद इसी सुकून के जरिए कांग्रेस उत्साहित नज़र आ रही है जबकि कहानी नया मोड़ ले चुकी है। कैसे! पढ़िए इस खास रिपोर्ट में…
एग्जिट पोल नहीं होते वास्तविक परिणाम
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए सभी एग्जिट पोल में कांग्रेस की जीत तय बताई जा रही है। मगर इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ जब एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं। वर्ष 2016 में तमिलनाडु में भी यहीं हुआ, जहां ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने यह अनुमान लगाया कि जयललिता की पार्टी AIADMK बुरी तरह हार रही है, लेकिन परिणाम सामने आए तो सभी चौंक गए।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस जीत के सपने देखने लगी है। कांग्रेस को ऐसा लगने लगा है कि वह राजस्थान में बीजेपी से आगे है। लगना लाज़मी भी है कुछ चुनावी सर्वे दावा जो कर रहे हैं कि बीजेपी राजस्थान में पिछड़ रही है। लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राजस्थान को जीतने के लिए चक्रव्यूह की रचना शुरू कर दी है। इसमें प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सीट बंटवारे से लेकर मोदी, योगी सहित तमाम बीजेपी के दिग्गज नेताओं की सभा शामिल है।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल पीएम मोदी की 10 सभाओं का कार्यक्रम तय है लेकिन, अंतिम समय में कम से कम 5 अतिरिक्त सभा पीएम मोदी राजस्थान में करने वाले हैं। पार्टी ने जीत को ही एकमात्र लक्ष्य रखा है। बीजेपी को भरोसा है कि चाहे लाख सत्ता विरोधी लहर हो, लेकिन लड़ाई सिर्फ जीतने के लिए ही होगी और इसके लिए एकजुट होकर सभी ने मोर्चा संभाल लिया है। एग्जिट पोल में कांग्रेस की जीत का दावा है। ऐसे में कांग्रेस 10 दिसंबर तक सुकून से रह सकती है क्योंकि चुनाव परिणाम 11दिसंबर को आएंगे।