राजस्थान की संस्कृति से रूबरू कराता 25वां अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव आज से बीकानेर जिले में शुरू हो रहा है। यह दो दिवसीय उत्सव (13-14 जनवरी) है जिसमें रंग-बिरंगी पगड़ी वाले राजस्थानी लोगों के साथ सजे-संवरे और विभिन्न नस्लों के ऊंट भी नजर आएंगे। पर्यटन सीजन में ऊंट महोत्सव सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब होता है। पर्यटन मुख्यालय ने अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव-2018 के लिए 15 लाख रुपए मंजूर किए हैं। बीकानेर के धोरों पर ऊंट की सवारी, ऊंटों के करतब और लोक कलाकारों के गीत-संगीत के कार्यक्रमों की राजस्थान के पर्यटन में खास पहचान रखती है।
अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव कठिन मरूस्थलीय परिस्थितियों में रहने-बसने वाले जानवरों को समर्पित किया गया है। इस फेस्टिवल का आयोजन राजस्थान सरकार का पयर्टन विभाग और कला एवं संस्कृति विभाग मिलकर करते हैं। भारत-पाक मरूस्थलीय सीमा पर भारतीय सेना अब भी एक रेजिमेंट रखती है जहां सीमा सुरक्षा बल में ऊंट एक वफादार साथी की तरह सेवाएं देते हैं।
बीकानेर का अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव दो दिवसीय समारोह है जिसमें 10 प्रतियोगिताओं, 2 बैंड प्रदर्शन और 2 सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। राजसी जुनागढ़ किले की पृष्ठभूमि के मुकाबले त्यौहारों को सुंदर रूप से सुशोभित ऊंटों की एक रंगीन परेड के साथ शुरू होता है। यहां होने वाली ऊंट दौड़ और अन्य सांस्कृतिक प्रदर्शनों का आनंद लेने दूर-दूर से हजारों पर्यटक यहां आते हैं। अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव में आपको स्वादिष्ट ऊंट दूध की शुद्ध मिठाईयों सहित ऊंट के दूध से बनी चाय को चखने का अवसर मिलेगा जिनका स्वाद कभी न भूलने जैसा है। यहां सजे बाजार में सुंदर हस्तशिल्प, गहने, बर्तनों और दुर्लभ वस्तुएं आपका ध्यान आकर्षित करेंगी।
अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव में होने वाले आयोजनों की लिस्ट
बीकानेर में अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव के अलावा भी काफी कुछ दर्शनीय स्थल हैं। इनमें …
- जूनागढ़ फोर्ट
- गंगा सरकारी संग्रहालय
- सदुल संग्रहालय और लालगढ़ पैलेस परिसर
- बीकानेर हवेली (कोठारीस, रामपुरीयस, बाईड्स, दागस, मोहतास, दुधा और अन्य कई)
- भंडारेश्वर जैन मंदिर और लक्ष्मीनाथ मंदिर
- ऊंट राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र
- देवी कुंड सागर
- करणी माता मंदिर, देशनोक (चूहे वाली माता)
- गजनेर पैलेस और वन्यजीव अभयारण्य प्रमुख हैं।
बीकानेर कैसे पहुंचे
अगर आप फ्लाइट से यात्रा कर रहे हैं तो जोधपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट यहां का नजदीकी एयरपोर्ट है। देश के प्रमुश शहरों से यहां के लिए सीधी फ्लाइट है। एयरपोर्ट से 235 किमी दूर बीकानेर है जिसके लिए सीधी बसें और प्राइवेट टैक्सी उपलब्ध है। अगर आप ट्रेन से सफर करना चाहते हैं तो बीकानेर में बीकानेर जंक्शन और लोहागढ़ रेलवे सहित दो बड़े स्टेशन हैं। दिल्ली, कोलकत्ता, मुंबई, जोधपुर और अन्य मुख्य शहरों से यहां ट्रेन पहुंचती है। मुख्य शहरों से सरकारी बसों सहित एसी डिलक्स, स्लिपर कोच और प्राइवेट वाहन बीकानेर के लिए उपलब्ध हैं।
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