लोकसभा चुनाव 2019 की जीत की तैयारियों में कांग्रेस व भाजपा समेत अन्य दलों ने पूरी ताकत झोंक रखी है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक पार्टियों में असंतुष्ट नेताओं के बगावती तेवर भी तेज हो गए हैं। इसी बीच राजस्थान में आम आदमी पार्टी (आप) में भी आंतरिक गुटबाजी सबके सामने आ गई है। दरअसल आप के प्रदेश कार्यालय उद्घाटन को लेकर पार्टी के नेताओं के बीच बवाल हो गया है। हाल ही में पार्टी से निलंबित पूर्व लीगल सेल अध्यक्ष पूनमचंद भंडारी ने रविवार को मोतीडूंगरी रोड पर पार्टी के प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन कर दिया, जिसे आप के प्रदेश सचिव देवेन्द्र शास्त्री ने अवैध बताया है।
शास्त्री ने कहा कि भंडारी को पार्टी ने पहले ही निलंबित कर रखा है। वे पहले से ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में लगे हुए थे जिसे लेकर उन्हें कई बार नोटिस भी दिया गया था। अनुशासन समिति के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल सिंह राठौड़ ने कहा कि जिस कार्यालय का उद्घाटन भंडारी ने किया है वो पार्टी का कार्यालय नहीं है। वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए भंडारी ने बताया कि मुझे अभी तक निलंबन के बारे में कोई सूचना या पत्र के माध्यम से जानकारी नहीं दी गई है। पार्टी मेरी मां है और मैं सीएम अरविंद केजरीवाल व पार्टी को कमजोर करने वाली सभी ताकतों का डटकर मुकाबला करूंगा।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व आप नेताओं के बीच दो फाड़ होना पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं है। हालांकि राजस्थान में आप का अभी कोई खास जनाधार नहीं है। अब देखना होगा कि आप पार्टी लोकसभा चुनाव में कितने सीटों पर प्रत्याशी उतारकर ताल ठोकेगी।