जयपुर। महामारी कोरोना वायरल की दूसरी लहर ने पूरे देश भर में तबाही मचा रखी है। बेकाबू कोरोना की रफ्तार को रोकने के लिए कई राज्यों में लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाया गया है। कोरोना के कारण सभी काम धंधे चोपट हो गए। मौजूदा स्थिति में बहुत से लोगों को एक वक्त के खाना भी नसीब नहीं हो रहा है। करीब सभी लोग पिछले कुछ दिनों से बेरोजगार होकर अपने घर में बैठे हैं। इस बीच महंगा की मार भी लगातार बढ़ती जा रही है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। एक सप्ताह में पांच बार इनकी कीमतों में उछाल देखन को मिला।
एक सप्ताह में पांच बार बढ़े दाम
पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक सप्ताह में पांचवीं बार बढ़ी। राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र के कई इलाकों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर निकल गया। जयपुर में डीजल 36 पैसे और पेट्रोल 27 पैसे महंगा हुआ। इसी के साथ अब पेट्रोल 98 रुपए और डीजल 90.69 रुपए लीटर हो गया है। स्पीड पेट्रोल 101.06 रुपए प्रति लीटर मिलने लगा है। जयपुर में शायद यह पहला ही मौका होगा जब डीजल के दाम 90 रुपए से अधिक हो गया है। आपको बता दें कि 5 राज्यों में चुनाव के दौरान दो माह तक पेट्रोल-डीजल की कीमत नहीं बढ़ाई गई थी।
लॉकडाउन से उद्योग को बड़ा झटका
लॉकडाउन के कारण प्रदेश के उद्योगों को एक बड़ा झटका लगा है। तालाबंदी के कारण शहर के उद्योगपति कई प्रकार की परेशानियों का सामना कर रहे हैं। विभिन्न उद्योगों जैसे खेल पाइप फिटिंग बेल्ट हाथ के औजार सहित कई प्रकार के काम धंधे काफी प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा महामारी और लॉकडाउन की वजह से कच्चे माल की कीमतों तेजी आ गई है। जिससे व्यापारियों को एक नई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कच्चे माल की कीमत में वृद्धि
राजधानी के व्यापारियों का कहना है कि प्रतिबंध के कारण कई लोगों के सामने रोजगार का एक बड़ा संकट उभर कर सामने आया है। इस संकट की घड़ी में जीवन व्यतीत करना काफी मुश्किल हो गया है। एक व्यापारी ने कहा हम पिछले कुछ महीनों से कई प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं। लेकिन सरकार किसी भी प्रकार से कोई हल या इससे निपटने के लिए कोई योजना नहीं बना रही है। व्यापारियों का कहना है कि कच्चे माल में करीब 50 प्रतिशत वुद्धि हो गई है।
प्रतिबंध के कारण नहीं हो रहा उत्पादों का वितरित
कारोबारियों को कहना है कि लॉकडाउन उन पर भारी पड़ रहा है। लॉकडाउन से पहले जो सामान पहले ही तैयार हो गया था, प्रतिबंधों के कारण उसको नहीं भेजा जा सकेगा। उत्पादों को वितरित करने में असमर्थ होने के कारण पार्टी ने भुगतान जारी नहीं किया और यह हमारी अर्थव्यवस्था को गड़बड़ा गई है। माल तैयार होने के बाद भी अगली पार्टी से पैसे नहीं मिल रहे है।