जयपुर। जस्टिस इन्द्रजीत महान्ति ने रविवार को राजस्थान हाईकोर्ट के 37वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने महान्ति को पद की शपथ दिलवाई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मंत्रिमंडल के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारी और गणमान्य लोग मौजूद थे।

कोशिशों में किसी तरह की कमियां नहीं रहेगी
मीडिया से बातचीत करते हुए महान्ति ने कहा कि भगवान ने लोगों की सेवा के लिए उनको राजस्थान भेजा है। वे लोगों की सेवा कर पाएं यह उनकी सबसे बड़ी कामयाबी होगी। उन्होंने कहा कि कोशिशों में किसी तरह की कमियां नहीं रहेगी और लोगों को राहत दिलाने के लिए रात-दिन एक करेंगे। इसके साथ ही न्याय प्रशासन में पारदर्शिता लाना भी प्राथमिकताओं में शुमार रहेगा।

20 लाख केसों के निस्तारण करना बड़ी चुनौती
सबसे बड़ी चुनौती निचली अदालतों में 16 लाख और हाईकोर्ट के 4 लाख 44 हजार पेंडिंग प्रकरणों के निस्तारण का कोई फार्मूला तय करना है। जजों की संख्या भी घटती जा रही है। हाईकोर्ट में जजों के 50 पद हैं लेकिन, कभी 40 जज भी एक साथ नहीं रहे। मुख्य न्यायाधीश सहित 22 जज हैं। नए जजों की नियुक्ति जल्द से जल्द करना और पेंडेंसी खत्म करने में कई बड़ी चुनौतियां हैं।

कौन है जस्टिस इंद्रजीत महांती
जस्टिस इंद्रजीत महांती का जन्म उड़ीसा के कटक में हुआ। पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग से उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर दिल्ली यूनिवर्सिटी से वकालत की। इंग्लैंड के केम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने एलएलएम की पढ़ाई की। और 1989 में से 2006 तक उड़ीसा बार काउंसिल के सदस्य रहे और फिर 30 मार्च 2006 को उड़ीसा हाईकोर्ट में जज बने। लगभग 12 साल बाद 14 नवंबर 2018 को बॉम्बे हाईकोर्ट के जज नियुक्त हुए।