राजस्थान की राजधानी जयपुर के आमेर स्थित हाथीगांव के विकास से पर्यटकों की संख्या में आने वाले दिनों में काफी इजाफा होने की संभावना है। इससे महावत परिवारों की आय भी बढ़ेगी। दरअसल, प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि हाथीगांव में विकसित हो रही सुविधाओं के बाद महावत परिवारों की आजीविका में बढ़ोतरी होगी। सीएम राजे ने कहा कि एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं और व्यवस्थाएं उपलब्ध होने से यहां पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी और महावत परिवारों को आय के वैकल्पिक स्रोत भी मिलेंगे। राजे रविवार को हाथीगांव में ‘वाइल्डलाइफ मैटर्स राजस्थान 2014-17’ रिपोर्ट की लॉन्चिंग के अवसर पर संबोधित कर रही थीं।
8 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया है हाथीगांव
मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण पर तैयार रिपोर्ट वाइल्डलाइफ मैटर्स का विमोचन करते हुए कहा कि महावत परिवारों और हाथियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने का सपना पूरा होने लगा है। इस दौरान सीएम राजे ने 8 करोड़ रुपए की लागत से हाथी गांव में कराए गए विकास कार्यों का भी अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि हाथी गांव में सुविधाओं का विकास होने से यहां पर्यटकों को हाथियों की जीवन शैली नजदीक से जानने का अवसर एक ही स्थान पर मिल रहा है। राजे ने आगे कहा कि जिन महावत परिवारों के पास पहले जीविकोपार्जन के लिए हाथी की सवारी ही माध्यम था, आज उनके पास हाथी पर्यटन से आय का दूसरा विकल्प भी मौजूद है। आमेर से हाथियों के पुनर्वास का सपना पूरा होना हाथियों तथा महावत परिवारों के लिए भी एक बड़ी राहत है।
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सीएम राजे ने महावत परिवारों को बांटे थान आवंटन पत्र: मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इससे पहले 10 महावत परिवारों को हाथी थान आवंटन पत्र सौंपे। राजे ने महावत परिवारों के सदस्यों से बात की और महिलाओं से मिलकर हाथीगांव में हो रहे विकास से उन्हें मिल रही सुविधाओं के बारे में भी पूछा। उन्होंने हाथी गांव में हथिनी ‘चंचल’ को केले, गुड़ तथा हरा चारा खिलाया। मुख्यमंत्री ने हाथियों की दिनचर्या को दर्शाती एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।