जब हम किसी कॉलेज में एडमिशन लेने जाते हैं तो उसके ब्रोशर, बिल्डिंग कैम्पस और उसकी वेबसाइट को सर्च करते हैं। अधिकतर हम केवल बिल्डिंग कैम्पस को देखकर ही उसकी रैंक जज करते हैं और कई बार पता चलता है कि जिस तरह के वायदें या चीजें वेबसाइट या ब्रोशर में दिखाई गई थी ऐसा कुछ नहीं है। उस समय आप अपने आपको ठगा हुआ मानते हैं। लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होने वाला है क्योंकि आरटीयू (राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी) अब अपने सभी एफिलिएटेड कॉलेजों को ग्रेडिंग देने जा रही है। कॉलेजों को दी जाने वाली रैंकिंग इसी हफ्ते जारी कर दी जाएगी। अभी यह व्यवस्था केवल 130 इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए ही जारी की जा रही है। बाद में एमबीए और एमसीए कॉलेजों के लिए भी इसी तरह की ग्रेडिंग जारी की जाएगी। आपको बता दें कि यूनिवर्सिटी हिस्ट्री में ग्रेडिंग प्रणाली पहली बार दी जा रही है। आरटीयू ने एमएचआरडी के एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क) की तर्ज पर यह पहल की है। इस तरह का फैसला लेने का उद्देश्य बेहतर कॉलेजों को प्रोत्साहित करना और अन्य कॉलेजों को इम्प्रूवमेंट के लिए उनका स्तर बताना है। इस व्यवस्था के बाद न केवल स्टूडेंट्स बल्कि पैरेंट्स को भी एडमिशन से पहले सही कॉलेजों का चुनाव करने व बेहतर डिसिजन लेने में मदद मिलेंगी।
ग्रेडिंग के लिए तय होगा 18 पैरामीटर
आरटीयू ने सभी कॉलेज की ग्रेडिंग के लिए 18 पैरामीटर तय किए हैं। इन पैरामीटर में कॉलेज में उपलब्ध सीटों की तुलना में एडमिशन कितने हुए, रिजल्ट, फैक्ल्टी रेशो, प्लेसमेंट, एनबीए एक्रेडिटेशन आदि को शामिल किया गया है। ग्रेडिंग में एक हजार में से माक्र्स दिए गए हैं।
9 कॉलेज ने प्राप्त किए 600 से ज्यादा ग्रेड
आरटीयू से एफिलिएटेड 130 कॉलेज में से 9 कॉलेज ने एक हजार में से 600 और उससे ज्यादा ग्रेड या नंबर प्राप्त किए हैं। एफिलिएशन के आॅर्डर जारी किए जा चुके हैं।
इनका क्या कहना है
यूनिवर्सिटी ने इसमें ट्रांसपैरेंसी के लिए न केवल एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था बल्कि कॉलेजों को डॉक्यूमेंट्स के साथ बुलाकर 15 दिन का कैंप लगाया था। इसमें सहमति के बाद ही ग्रेडिंग जारी की जा रही है। किसी भी यूनिवर्सिटी के इतिहास में यह ऐतिहासिक फैसला है।
– प्रो. एच.डी.चारण, डीन एकेडमिक्स, RTU
source: patrika