जयपुर। सरकार की महत्वाकांक्षी भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत भले ही मरीजों को निशुल्क उपचार मिल रहा हो, लेकिन छह नवंबर से निजी अस्पतालों को इंश्योरेंस कंपनी द्वारा क्लेम राशि का भुगतान नहीं करने से इस योजना पर संकट के बादल छा गए हैं। प्रदेश के सीकर जिले के निजी अस्पताल संचालकों ने एक दिसम्बर से भामाशाह योजना के तहत रोगियों का इलाज बंद कर दिया है। वे बकाया भुगतान नहीं होने तक इलाज नहीं करने का ऐलान कर चुके हैं। अशोक गहलोत सरकार की संवेदनहीनता के चलते सीकर जिले के भामाशाह योजना से जुडे 84 निजी अस्पताल संचालकों ने इस योजना से किनारा करते हुए रोगियों के इलाज के भुगतान की मांग कर रहे हैं।
प्रशासन ने नहीं उठाया कोई कदम
निजी अस्पताल संचालक एसोसिएशन के अध्यक्ष डा बी एल रणवा ने बताया कि कई महीनो से न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की ओर से बकाया भुगतान नहीं होने से निजी अस्पताल संचालकों के सामने परेशानी आने लग गई है। इसके लिए मेडिकल और जिला प्रशासन को अवगत कराया गया था और मांग की थी कि तीन महीने का भुगतान नहीं किया गया इसके चलते एक दिसम्बर से वे भामाशाह योजना के तहत रोगियों का इलाज नहीं करेंगे। प्रशासन की ओर से इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसके चलते थककर निजी अस्पताल संचालकों को इस योजना के तहत रोगियों का इलाज बंद करना पड़ा।
पूर्व वसुंधरा राजे सरकार ने शुरू की थी भामाशाह योजना
गरीब तबके के लोगों को बेहतर व निजी अस्पतालों में इलाज कराने की सुविधा के मकसद से तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार ने भामाशाह कार्ड योजना शुरू की थी। इसके तहत इंश्योरेंस कंपनी की ओर से निजी अस्पतालों का भुगतान किया जाता था, लेकिन पिछले कई महीनों से सीकर के निजी अस्पतालों को भामाशाह योजना के तहत रोगियों के किए गए इलाज का बकाया भुगतान नहीं मिल पा रहा है।
900 अस्पतालों ने भामाशाह योजना से इलाज बंद
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत करीब 950 निजी अस्पतालों के क्लेम रिजेक्ट कर 120-150 करोड़ रुपए के बिल अटका रखे हैं। बीमा सेवा देने वाली न्यू इंडिया इश्योरेंस कंपनी ने उदयपुर में गीतांजलि, पेसिफिक भीलों का बेदला और पेसिफिक उमरड़ा, सनराइज, मेवाड़, चौधरी, संजीव, एएसजी जैसे 10 अस्पतालों के 4 करोड़ के बिल तीन-चार साल से रोके हुए हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष विशेष व्यास व अन्य ने कहा है कि अब प्रदेश के करीब 900 अस्पतालों ने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मरीजों का इलाज करना बंद कर दिया है।
निजी अस्पताल अब आयुष्मान भारत के तहत भी नहीं करेंगे इलाज
व्यास ने कहा है कि निजी अस्पताल अब आयुष्मान भारत के तहत भी इलाज नहीं करने का मन बना चुके हैं, क्योंकि बिल पास करने की प्रक्रिया इस योजना में भी यही रहेगी। हालांकि उन्हें चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने समाधान का भरोसा दिलाया है। निजी अस्पतालों के कदम पीछे लेने से उदयपुर के 15 लाख सहित प्रदेश के 1 करोड़ से ज्यादा भामाशाह कार्ड धारकों पर बेहतर इलाज के लिए संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हालांकि सरकार 1 दिसंबर से आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश के 1.10 करोड़ कार्ड धारकों के उपचार का दावा कर रही है।