राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता को बड़ी राहत देते हुए गर्भपात कराने की छूट दी है। न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ की एकल पीठ ने उदयपुर जिले की एक दुष्कर्म पीड़िता को 20 सप्ताह से अधिक के गर्भ का गर्भपात कराने की छूट दे दी है।
हाईकोर्ट ने छूट देने से पहले मेडिकल बोर्ड गठित कर दुष्कर्म पीड़िता की जांच करवाई। कोर्ट में मंगलवार को मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट पेश होने के बाद ये फैसला दिया गया है। जांच रिपोर्ट में दुष्कर्म पीड़िता के मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होने पर कोर्ट ने पीड़िता को राहत प्रदान की है। गर्भपात करवाने से उसको मानसिक व शारीरिक क्षति होने की कोई आशंका नहीं होने की पुष्टि के बाद हाईकोर्ट ने पीड़िता के पक्ष में आदेश पारित कर दिया।
मामले की जानकारी देते हुए पीड़िता के वकील अंकुर माथुर ने बताया कि उदयपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से मामला भेजा गया था। जिसमें पीड़िता को दुष्कर्म की वारदात के करीब पांच महीने बाद यह जानकारी मिली कि वह गर्भ से है। ऐसे में गर्भपात के लिए हाईकोर्ट की अनुमति लेने की आवश्यकता थी। इसको लेकर याचिका पेश की गई थी जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर राहत प्रदान की है।
Source: Prakash