चुनाव प्रचार के साथ-साथ बयानबाजी के लिए सोशल मीडिया मानो राजनेताओं के लिए रामबाण का काम कर रहा है। राजनेता भी सोशल मीडिया के हथियार को कैसे काम में लेना है, ये बखूबी समझ चुके हैं। यहीं कारण है कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संस्थापक और खींवसर से निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल इनदिनों सोशल मीडिया पर पर काफी एक्टिव है। जिस प्रकार वो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर आरोप लगाते रहे हैं। उसी प्रकार बेनीवाल अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी आरोप लगाते नज़र आ रहे हैं। बेनीवाल ने ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला करते हुए स्पष्ट लिखा है कि “चेहरा बदला है लेकिन राज नहीं, राजस्थान में भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही सरकारों में ज़्यादा फ़र्क नहीं है।”

दरअसल, प्रदेश में बजरी खनन का मुद्दा तेजी बढ़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अवैध बजरी खनन और बजरी माफियाओं के खिलाफ सख्ती दिखा चुका है। इसी अवैध बजरी खनन के मुद्दे पर हनुमान बेनीवाल ने गहलोत सरकार को घेरते हुए कहा कि…

“धरने पर जेल की धमकी और बजरी माफियाओं के आगे बेबसी जता रहे हैं अशोक गहलोत, कह रहे है माफिया को रोका तो बजरी और महंगी हो जाएगी।”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस धरने के बदले जेल भरो जैसी सख्त कार्रवाई करने के लिए सजग है लेकिन, बजरी माफियाओं को रोकने के बजाए बेकार के तर्क़ दे रही है कि माफियाओं को रोका तो बजरी और महंगी हो जाएगी।

इससे पहले उन्होंने एक और ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा कि “श्री राहुल गाँधी जी आपकी पार्टी के निष्ठावान नेता अशोक गहलोत जी लोकतांत्रिक मूल्यों की निष्ठा भूल रहे हैं, अहम में विरोधियों को डरा धमका रहे हैं। कृपया मोदी जी के दुष्प्रभाव को अपनी पार्टी के नेताओं पर हावी होने से रोकें। #चेहरा_बदला_राज_नहीं ”

कुछ इसी तरीके से हनुमान बेनीवाल से कांग्रेस सरकार को सोशल मीडिया के माध्यम से अदालत के कटघरे में खड़ा कर दिया है। वह आये दिन अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर हमला करते हैं। विधायक हनुमान बेनीवाल की लोकप्रियता सोशल मीडिया से ही बढ़ी थी, जिसका प्रभाव पिछले विधानसभा चुनावों में भी देखा गया था। अब देखना होगा कि राजस्थान में लोकसभा के चुनावों में उनका क्या महत्व रहता है।