गुजरात चुनाव-2017 में सोमवार को आए चुनावी नतीजों में भारतीय जनता पार्टी ने कुल 182 सीटों में से बीजेपी ने 99 सीटों पर अपना कब्जा बना सरकार बनाई है। नवनिर्वाचित राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को विपक्ष को 80 सीटों से संतोष करना पड़ा और 3 सीटें अन्य के पक्ष में गई। जिस तरह गुजरात में भाजपा ने अपना कमल खिलाया है, उसे देखते हुए राजस्थान में सियासी हलचल अभी से शुरू हो गई है। इसकी वजह है, अगले महीने 3 सीटों पर होने वाले उपचुनाव और अगले साल विधानसभा चुनाव। अब जब गुजरात चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को सफलता हासिल हुई है, इसे देखते हुए गुजरात चुनाव के परिणामों का राजस्थान पर असर पड़ना स्वभाविक है। राजस्थान में अगले महीने 3 सीटों पर उपचुनाव और अगले साल 200 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं। पिछले बार की तरह इस बार भी राजस्थान में पार्टी की बागड़ौर वर्तमान मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के हाथों में होगी।
गुजरात चुनावों का सबसे ज्यादा असर जनवरी, 2018 में होने वाले उपचुनावों पर पड़ने वाला है। अगले महीने अलवर-अजमेर लोकसभा सहित मांड़लगढ़-भीलवाड़ा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। यह तीनों सीटें बीजेपी के प्रत्याशियों के पक्ष में रही हैं जिनके फिर से भाजपा के खेमे में आने की पूरी उम्मीद है। नवम्बर, 2018 में 200 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में भाजपा फिर चुनावी दंगल में उतरेगी और यहां भी सफलता हासिल करने की शत प्रतिशत उम्मीद करना बेमानी न होगा।
चूंकि भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात व हिमाचल सहित दोनों राज्यों में चुनावी सफलता का स्वाद चख लिया है। अब यह भाजपा लहर राजस्थान की ओर भी रूख करने वाली है। उपचुनावों की घोषणा होते ही यहां सियासत और तेज होगी। इसके बाद भी उपचुनाव और आगामी विधानसभा चुनावों में सफलता के घोड़े पर सवार भाजपा राजस्थान की मरूभूमि में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में कमल खिलाने में जरूर कामयाब होगी।
read more: राजस्थान में जल्द होगी पशुधन सहायक के 2070 पदों पर भर्ती