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कल एक जुलाई से देशभर में एक टैक्स-एक राष्ट्र की प्रणाली लागू हो जाएगी। आज आधी रात को संसद भवन में घंटा बजाकर देश के नए आर्थिक युग का स्वागत किया जायेगा। ऐसा इससे पहले 14 अगस्त 1947 की रात्रि 12 बजे देश की स्वतंत्रता के स्वर्णिम अवसर पर किया गया था। तो ज़ाहिर है कि जीएसटी से आज़ादी तो मिलेगी। करीब 16 तरह के अप्रत्यक्ष कर से देशवासियों को कल 1 जुलाई 2017 से मुक्ति मिल जाएगी।

आज़ाद भारत का सबसे बड़ा टैक्स सुधार:

जी हाँ, जैसा कि कई दिनों, कई महीनों से कहा जा रहा है, जीएसटी आज़ादी के बाद भारत का सबसे बड़ा टैक्स सुधार साबित होगा। इस टैक्स सुधार से एक ही चीज़ पर देश के हर राज्य और हर ज़िलें में एक ही कर लगेगा। किसी भी उत्पाद या सेवा का देश के एक राज्य से दूसरे राज्य में जानें पर किसी तरह का सीमा शुल्क या प्रवेश शुल्क नहीं लगेगा। तरह-तरह के अप्रत्यक्ष करों के बायकॉट से जुड़े इस सबसे बड़े सुधार के लागू होते ही देश में व्यापारी के व्यापार तरीकों और खरीददार के खरीददारी के तरीकों पर सीधा और सकारात्मक असर पड़ेगा।

घरेलू और ज़रुरत की चीज़ें होगी सस्ती, वहीँ सर्विस व विलासिता पर पड़ेगा भार:

देशभर में कल से इस टैक्स के लागू हो जाने के बाद से देश के मूलभूत आर्थिक ढांचें में सुधार आएगा। अगर आमजन जीएसटी के मायने समझना चाहे तो यह साफ़ और सीधा है कि जीएसटी के बाद एक और जहाँ घरेलू और ज़रुरत के सामान हमें कम दर पर मिलेंगे तो वहीँ विलासिता और मौज-मनोरंजन कुछ हद तक महंगा हो जायेगा।

एक ओर जहाँ सोयाबीन, नारियल और सरसौ का तेल, चीनी, दूध पाउडर, काजू, किशमिश, साबुन, टूथपेस्ट, बिस्कुट, आइस-क्रीम, चाय-कॉफ़ी, मसालें, जूस, छाछ, दही, मिठाई, पनीर, जूतें-चप्पल, 350 सीसी से कम की मोटरसाइकल, घरेलू एलपीजी, अगरबत्ती, मिनरल वाटर, स्मार्ट-फ़ोन आदि रोज़मर्रा की चीज़ें जीएसटी लागू होने पर देशवासियों को कम दर पर उपलब्ध होकर राहत देगी।

तो वहीँ महंगे रेडीमेड गारमेंट, सोने-चांदी के आभूषण, हीरे के हार, होटल सर्विस, सिनेमा टिकट, पांच सितारा होटल की सुविधाएँ, बीमा, शेयर मार्किट स्टॉक, फैशन पार्लर, टेलीकॉम सर्विस, घूमना आदि एक हद तक महंगे हो जायेंगे।

देश के बड़े अर्थशास्त्रियों ने कहा, जीएसटी से सकारात्मक असर होगा:

देश के जाने-माने अर्थशास्त्रियों की माने तो जीएसटी लागू होने के बाद एक शॉर्ट टर्म के लिए असुविधा और परेशानी हो सकती है, लेकिन थोड़े दिनों बाद लम्बे समय के लिए इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में गुणात्मक सुधार आएगा। इकोनॉमिस्ट डीके जोशी के अनुसार जीएसटी छोटे व्यापारियों को व्यापार बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी। हर चीज़ कम्प्यूटराइज़्ड होने से कालेधन पर अंकुश लगेगा।