जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार फसलों के लिए बाजार उपलब्ध नहीं करवा रही, जिससे किसानों को अपनी फसल नुकसान खाकर बेचनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के समय 15 मार्च से कोटा तथा 1 अप्रेल से पूरे राजस्थान में समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हो जाती थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की है कि राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद तत्काल शुरू करे। राजे ने कहा कि सरकार पहले के मुकाबले खरीद केंद्रों की भी संख्या बढ़ाए और 5 ग्राम पंचायतों पर एक खरीद केंद्र खोले। साथ ही ब्याज मुक्त फसली ऋण का वितरण भी शुरू करे। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा फसली ऋण में अपनाई जा रही बायोमीट्रिक प्रक्रिया को बंद करे, इससे सोश्यल डिस्टेंसिग की अवहेलना हो रही है। पूर्व सीएम ने कांग्रेस राज में बंद हुई राज सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा व राज सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजना को फिर से चालू करने की भी मांग की।
सरकार जल्द दे किसानों को राहत
राजे ने कहा कि कोरोना के कारण उत्पन्न हुई स्थिति के कारण किसान को खाद्यान का ही नहीं फल-सब्जियों का भी लागत मूल्य नहीं मिल रहा। मजबूरन किसान को फल और सब्जी पशुओं को खिलानी पड़ रही है। सरकार उचित मूल्य पर किसानों की फल-सब्जियों का विक्रय करवाए। इससे किसानो को तो उनके उत्पादन का वाजिब दाम मिलेगा ही, लोगों को भी फल और सब्जियां मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस बार किसनों ने करीब 100 लाख हैक्टेयर में रबी फसल बोई थी, किसान को उम्मीद थी कि इस बार पैदावार भी अच्छी होगी और उसे भाव भी अच्छे मिलेंगे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से भाव अच्छे नहीं मिले। इसलिए सरकार जल्द से जल्द किसानों को राहत दे।
मंडियों में खरीदार नहीं, थोक में 5 रुपए किलो बिक रही लौकी, गोभी, टमाटर
मॉडिफाइड लॉकडाउन के बावजूद मुहाना सहित अन्य मंडियों में किसानों की सब्जियों के खरीदार नहीं हैं। टमाटर, हरी मिर्च, लौंकी, गोभी, बैंगन पत्ता गोभी का थोक भाव 5 रुपए प्रति किलो तक ही रह गए है। पूरे भाव व खरीदार नहीं मिलने से सब्जियां सड़क पर फेंकनी पड़ रही है या गौशालाओं ने पहुंचाई जा रही है। लॉकडाउन से पहले इन सब्जियों के भाव 20 रुपए किलों से ज्यादा थे। वहीं मूंग, उदड़, मसूर, अरहर दालें 20 रुपए तक महंगी हो गई है। लॉकडाउन से पहले दाल 58 से 100 रुपए किलो थी, जो कि अब 115 से 120 रुपए प्रति किलो हो गई है। वजह यह है कि दालों को कई दिनों तक स्टोर किया जा सकता है।
सब्जियों को जानवरों को खिलाने को मजबूर
फर्म सुरेंद्र कुमार कन्हैयालाल सैनी के व्यापारी कैलाश प्रधान (बगवाड़ा) बोले- अच्छी उपज के कारण दूरदराज से रोज करीब 250 गाड़ियां आ रही हैं, लेकिन मंडी में खरीदार नहीं हैं। सब्जियां जानवरों को डालकर जा रहे है या गौशालाओं में भेज रहे हैं। जयपुर फल व सब्जी थोक विक्रेता संघ (मुहाना मंडी) के अध्यक्ष राहुल तंवर बोले- मंडी को सैनिटाइज करवा चुके हैं। लेकिन यहां भीड़ रहती है। लोगों में संक्रमण की आशंका का खौफ हो गया। खरीदार कम आ रहे है। अब मंडी का समय बढ़ाने की प्लानिंग की जा रही है।