जनप्रतिनिधि और राज्य कर्मचारी दो ऐसे वर्ग हैं जिन पर जनता की सेवा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। जिस तरह इन दोनों वर्गों ने साढ़े चार साल में सरकार में रहते हुए जनता का विश्वास जीता है। यह क्रम इसी तरह आगे भी जारी रहा तो राजस्थान को देश का अव्वल राज्य बनने से कोई नहीं रोक सकता। यह कहना है राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे का। मुख्यमंत्री राजे आज 8 सिविल लाइंस पर यहां आभार व्यक्त करने बड़ी संख्या में आए प्रबोधकों को संबोधित कर रही थीं। इससे पहले अखिल राजस्थान प्रबोधक संघ के अध्यक्ष केसर सिंह चम्पावत के नेतृत्व में प्रदेशभर से आए प्रबोधकों ने मुख्यमंत्री का अभिनन्दन किया।
जनता को राज्य कर्मचारियों से बड़ी उम्मीदें होती हैं। आप उन पर खरा उतरें और उनका विश्वास जीतें। जनता को अहसास हो कि आप और हम उनकी सेवा के लिए सदैव तत्पर हैं। -मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे
शिक्षकों के सहयोग से शिक्षा का विकास हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में हुए काम को पूरा देश सराह रहा है। यह सब आप जैसे शिक्षकों के सहयोग से ही संभव हुआ है। आगे भी हमें राजस्थान को इसी तरह आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने प्रबोधकों का आह्वान किया कि आप प्रदेश के बच्चों को इतना होनहार बनाओ कि वह इस प्रदेश को तरक्की की राह पर बढ़ाते रहें।
विभिन्न संघों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया
इस अवसर पर शंखनाद फाउंडेशन के अध्यक्ष वेदप्रकाश पटेल के नेतृत्व में आए गाड़िया लुहार समाज के लोगों ने उनके कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। वंचित नर्सेज एसोसिएशन ने भी नर्सिंग भर्ती 2013 के तहत नियुक्ति दिए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। महाराजा सूरजमल फाउण्डेशन के प्रतिनिधियों ने गंगापुर सिटी एवं हिण्डौन क्षेत्र में विकास कार्यों और टोंक से आए मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने अरबी-फारसी शोध संस्थान के विकास के लिए बजट आवंटित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस पर मुख्यमंत्री ने सभी से राज्य सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ उठाने का आगृह किया।
प्रबोधकों की पदोन्नति पर विचार के लिए कमेटी बनाई: देवनानी
इस अवसर पर शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने पिछले कार्यकाल में अल्प मानदेय पा रहे पैराटीचर्स की पीड़ा को समझा था और उन्हें अलग से कैडर बनाकर प्रबोधक के पद पर नियुक्ति दी। आज उन्हें तृतीय श्रेणी शिक्षक के समान वेतन प्राप्त हो रहा है। प्रबोधकों को लेवल-1 व लेवल-2 का दर्जा दिया। प्रबोधकों की पदोन्नति पर विचार के लिए भी कमेटी बना दी गई है।
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