जयपुर। हाईकोर्ट ने जयपुर, जोधपुर व कोटा के नवगठित 6 नगर निगमों के चुनाव 31 अक्टूबर तक कराने काे कहा है। काेर्ट ने राज्य सरकार के उस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया जिसमें नगर निगम चुनाव 31 मार्च 2021 तक टालने का आग्रह किया गया था। राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के उस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया, जिसमें सरकार ने छह माह के लिए चुनाव टालने की मांग की थी। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब बिहार में चुनाव हो सकते हैं और राज्य में पंचायत चुनाव हो रहे हैं तो फिर सरकार निगम के चुनाव क्यों टालना चाहती है। सीजे इंद्रजीत माहंती की खण्डपीठ ने कहा कि बार-बार चुनाव टाले जाए इसका कोई कारण नहीं बनता है। ऐसे में अब सरकार को 31 अक्टूबर तक तीनों जगह चुनाव कराने होंगे। सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि वह तय समय पर चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
कोरोना के कारण हाईकोर्ट 3 बार टाल चुका चुनाव
जयपुर, जोधपुर व कोटा में एक साल पहले ही 2-2 नगर निगम बनाने की घोषणा हुई थी। जयपुर में हेरिटेज निगम व ग्रेटर निगम बनाए गए थे। इनका परिसीमन भी हो गया था। तब से हाईकोर्ट 3 बार इनके चुनावों की समय सीमा को बढ़ा चुका है। पहली बार- कोरोना संक्रमण के कारण हाईकोर्ट ने सरकार और चुनाव आयोग की याचिका पर इन्हें टालने का फैसला किया था। तब कोर्ट ने 18 मार्च को दिए अपने आदेश में 6 नगर निगमों के चुनाव 17 अप्रैल से आगामी 6 सप्ताह के लिए स्थगित कर दिए। दूसरी बार- कोर्ट ने 28 अप्रैल को इस अवधि को एक बार फिर 31 अगस्त तक बढ़ा दिया था। तीसरी बार- हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र पर गत 22 जुलाई के आदेश से एक बार पुन: चुनाव की तारीख बढ़ाते हुए 31 अक्टूबर तक चुनाव कराए जाने के लिए कहा था।
महामारी में चुनाव कराना संभव नहीं है : राज्य सरकार
राज्य सरकार की ओर से एजी एमएस सिंघवी ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आगामी समय में कोरोना का संक्रमण और बढ़ेगा। प्रदेश में रोजाना सैकड़ों मरीज मिल रहे हैं। ऐसे महामारी के हालातों में चुनाव कराया जाना संभव नहीं है। इसलिए चुनाव कराने की अवधि को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाया जाए। हालांकि कोर्ट ने इस मांग को ठुकरा दिया।
सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है सरकार
हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद अब सरकार को 31 अक्टूबर तक निगम चुनाव सम्पन्न कराने होंगे। सरकार व निर्वाचन आयोग के पास इसके लिए केवल 1 माह का समय ही बचा है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि सरकार चाहे तो हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी अपील कर सकती है। हालांकि पंचायत चुनावों के मामलें में राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से कोई खास राहत नहीं मिली थी। ऐसे में निगम चुनावों को लेकर सरकार क्या अपील करेगी इस पर अभी संशय बना हुआ है।