सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने कांग्रेस की हार के लिए गहलोत को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर तल्ख टिप्पणी की है। लोकेश शर्मा ने 25 सितंबर की घटना के लिए भी गहलोत को जिम्मेदार ठहराया है और उन पर आलाकमान को धोखा देने का भी आरोप लगाया है। लोकेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर गहलोत पर निशाना साधा है।

लोकेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा- मैं नतीजों से आहत जरूर हूं, लेकिन हैरान नहीं हूं। कांग्रेस पार्टी बेशक राजस्थान में रीति-नीति बदल सकती थी, लेकिन अशोक गहलोत कभी बदलाव नहीं चाहते थे। ये कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत जी की हार है। गहलोत के चेहरे पर, उनको फ्री हैंड देकर, उनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा और उनके मुताबिक हर सीट पर वे खुद चुनाव लड़ रहे थे।

लोकेश शर्मा ने लिखा- न उनका अनुभव काम आया, न जादू और हर बार की तरह उनकी योजनाओं के सहारे कांग्रेस नहीं जीती। न ही अपार गुलाबी प्रचार काम आया। लगातार तीसरी बार सीएम रहते हुए गहलोत ने एक बार फिर पार्टी को हाशिये पर ला दिया। आज तक उन्होंने पार्टी से सिर्फ लिया ही है, लेकिन अपने कार्यकाल में गहलोत कभी भी पार्टी को दोबारा सत्ता में नहीं ला सके।

लोकेश शर्मा ने आगे लिखा- हाईकमान के साथ धोखा, सही फीडबैक को ऊपर तक नहीं पहुंचने देना, किसी को विकल्प नहीं बनने देना, अपरिपक्व और स्वार्थी लोगों से घिरे रहना, आत्ममुग्धता में लगातार गलत फैसले और जल्दबाजी में फैसले लिए गए। तमाम फीडबैक और सर्वे को नजरअंदाज कर अपनी स्पष्ट हार को देखते हुए अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को अपनी इच्छानुसार टिकट देने की जिद थी।

लोकेश शर्मा ने 25 सितंबर को हुई गहलोत खेमे के विधायकों की बगावत पर भी निशाना साधा और लिखा- 25 सितंबर की घटना भी पूरी तरह से प्रायोजित थी। जब हाईकमान से बगावत कर अवमानना की गई। उसी दिन से खेल शुरू हो गया था।

लोकेश शर्मा ने आगे लिखा- आज के नतीजे निश्चित थे। यह बात मैंने स्वयं मुख्यमंत्री को पहले बताई थी। कई बार चेताया था, लेकिन वह अपने साथ ऐसी कोई सलाह या आदमी नहीं चाहते थे जो सच बोले। मैंने लगातार 6 महीने तक यात्राएं कीं और राजस्थान के कस्बों-गांवों-ढ़ाणियों का दौरा किया। लोगों से मुलाकात की। हजारों युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किये। करीब 127 विधानसभा क्षेत्रों की ग्राउंड रिपोर्ट सीएम तक पहुंचाई गई। जमीनी हकीकत को बिना किसी हिचकिचाहट के प्रस्तुत किया गया ताकि समय पर सुधारात्मक कदम उठाकर निर्णय लिया जा सके जिससे पार्टी की वापसी सुनिश्चित हो सके।