देश का हीरो रवीश कुमार! राजस्थानी में एक पुरानी कहावत है… “रात भर पीसा, सुबह थाली में समेटा।” अर्थात किसी काम के लिए बहुत जी तोड़ मेहनत करो। फिर उसी पर पानी फेर दो। यही हमारे प्यारे मुख्यमंत्री श्रीमान अशोक गहलोत ने किया है। पिछले दो दिनों से राजस्थान की सरहद भारत-पाक सीमा का द्वारा किया। और आज अपने गृह नगर जोधपुर में आकर उन दो दिनों के दौरे का सार निकल दिया। जहाँ एक तरफ देश आतंकवाद के हमले से जख़्मी है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेता घटिया राजनीति करके लगातार उन ज़ख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं। पहले कांग्रेस के बड़े केंद्रीय नेताओं ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे। अब राजस्थान के मुख्यमंत्री माननीय अशोक गहलोत उनका पक्ष लेते हैं। कहते हैं किसने मांगा सबूत किसी ने नहीं। जबकि उन्हीं के प्रिय राहुल गांधी के बयानों पर दुश्मन देश खुशियां मनाई जाती है।
पहले पत्रकार वार्ता, फिर धन्यवाद सभा में प्रधानमंत्री को कोसा
आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में पूरा दिन बिताया। आज वो सुबह से ही सर्जिकल स्ट्राइक और भारत द्वारा, 14 फ़रवरी पुलवामा हमले के बाद लिए गए बदले के बाद कांग्रेस द्वारा की जा रही घटिया राजनीति का पक्ष लेते दिखे। उन्होंने पहले तो सुबह पत्रकार वार्ता में कहा की हमारी पार्टी से किसी ने भी आतंकिस्तान पर बदला लेने के लिए किये गए हमले के सबूत नहीं मांगे। उसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा जनसभाओं में गयी जा रही देश के वीर जवानों और वायुसेना की शौर्य गाथा पर भी सवाल उठाये। भई जब देश के वीर जवानों ने ये साहसिक कार्य किया है तो शौर्य की गाथा तो गायेंगे ही ना। लेकिन फिर भी मुख़्यमंत्री गहलोत जी बार-बार प्रधानमंत्री मोदी जी को कोसे जा रहे थे। चलो यहां तक तो ठीक है। सब जानते हैं कि कांग्रेस की राजनीति ऐसी ही है।
अगर रवीश कुमार देश का हीरो है तो शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल कौन हैं
लेकिन फिर आज शाम को ही मुख्यमंत्री जी ने जोधपुर में धन्यवाद सभा को सम्बोधित किया। उन्होंने उस धन्यवाद सभा में कुछ भी राजनीतिक और गैर-राजनीतिक भाषण दिए हों उससे कोई ज़्यादा फ़र्क नहीं पड़ता। लेकिन गहलोत जी ने एक बायत ऐसी बोल दी जिसे सुनकर देशभक्ति की भावना रखने वाले हर व्यक्ति में मन में एक टीस सी पैदा हो सकती है। आतंक के ख़िलाफ़ हिंदुस्तान की लड़ाई के बाद रवीश कुमार ने जो शो किया। उसके बाद अशोक गहलोत जी कहते हैं कि NDTV का रवीश कुमार देश का हीरो है। मतबल जो टीवी पर बैठकर देश के जवानों की, देश के सुरक्षा बलों की, और उन सुरक्षा बलों को देश पर हमला करने वालों से बदला लेने वालों की कार्यशैली पर ऊँगली उठाये वो तो देश का हीरो है।
बाकी जो देश की सेवा करे देश को आतंकवाद से सुरक्षित रखे, जो सरहद पर रात दिन खड़े रहें वो सिर्फ़ देश के नौकर हैं। जिन्हें सरकार तनख़्वाह देकर काम पर रखती है। देश की सुरक्षा में अपने प्राण देने वाले शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट, मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल और पुलवामा में शहीद हुए 45 जवान सहित दुश्मन को घर में खदेड़ कर सही सलामत वापिस आने वाले विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान तो देश के नौकर हैं। और कैमरे के सामने बैठकर उनकी वीरता पर सवाल उठाने वाला रविश कुमार देश का हीरो है। वाह! गहलोत जी वाह! सलाम है आपकी सोच को। शायद इसीलिए आप मारवाड़ के गांधी कहलाते हैं।