राजनीति के गलियारों में मानो तूफ़ान सा आ गया है, राजनीतिक पंडित इसे मोदी का लोकसभा चुनाव से पहले गेम चेंजर बोल रहे है पर विपक्ष क्या चाहता है, वो क्या करेगा ये किसी को नहीं पता। केंद्र की मोदी सरकार ने हाल ही में आर्थिक रूप से कमज़ोर सवर्णों ( सामान्य वर्ग ) को 10 फ़ीसदी आरक्षण देने की घोषणा की है। लोकसभा और राज्यसभा में सवर्ण आरक्षण बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने भी इस बिल को मंजूरी दे है। सवर्ण आरक्षण का फ़ायदा सामान्य वर्ग के युवाओं को सरकारी नौकरियों की भर्ती और शैक्षणिक संस्थाओं आदि में मिलेगा। ग़ौरतलब है कि सामाजिक न्याय और अधिकृत मंत्रालय इसे कुछ ही दिनों इस कानून से जुड़े प्रावधानों को अंतिम रूप दे देगा।

बता दे कि बिल के अनुसार आरक्षण का फार्मूला 50% + 10% का होगा। इस आरक्षण का लाभ सभी सवर्णों को नहीं मिलेगा क्योंकि इसके लिए सरकार ने कुछ मापदंड तय किये है उन्हें मिलेगा जो इन मापदंडों पर खरे उतरेंगे।

 

राजस्थान में कब मिलेगा गरीब सवर्ण समाज को आरक्षण?

सब जानते है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के बाद राजस्थान में सत्ता परिवर्तन हुआ है, राज्य में कांग्रेस सरकार सत्ता में आयी है और केंद्र में अभी भाजपा की सरकार है। इतिहास को देखा जाये तो दोनों ही पार्टी एक दूसरे से बिलकुल अलग है। पिछले 5-6 सालों में कांग्रेस ने हमेशा भाजपा की सरकारों, चाहे वो केंद्र की हो या राज्य की हो उनका और उनकी योजनाओं का विरोध किया है। कुछ दिनों पहले की बात है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सवर्णों को 10% आरक्षण देने की घोषणा की थी। जब कांग्रेस के नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस फैसले से खुश नज़र नहीं आये थे, उन्होंने इसका विऱोध करते हुए कहा कि सामान्य वर्ग को 10 % की जगह 14 % तक का आरक्षण देना चाहिए।

अशोक गहलोत ने ट्वीट किया कि ” पूरे देश के अंदर पहली सरकार हमारी थी 1998 में… हमारा EBC को 14% आरक्षण देने का प्रस्ताव था। सरकार को 10 नहीं 14% जो मांग थी उसके आधार पर ही फैसला करना चाहिए। संविधान में संशोधन करना चाहिए तत्काल आरक्षण मिलना चाहिए। ये हमारे राजस्थान सरकार की 20 साल पुरानी मांग थी। “

वहीं दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सवर्ण समाज के आरक्षण के लिए कहा है कि ” केंद्र ने तो दे दिया, अब गहलोत सरकार भी गरीब सवर्ण समाज को जल्दी-से-जल्दी आरक्षण दें। ” जैसा कि सभी जानते हैं 15वीं विधानसभा का पहला सत्र शुरू हो गया है। गुलाबचंद कटारिया के अनुसार सवर्ण समाज के आरक्षण को राजस्थान में लागू करने के लिए भाजपा, गहलोत सरकार पर दबाब बनायेगी और राजस्थान के युवाओं को इसका लाभ पहुँचाएगी। इसके लिए हम विधानसभा में भी आवाज़ उठाएंगे।

गौरतलब है कि मोदी सरकार के सवर्ण आरक्षण को लागू करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य बन चूका है। अब देखना होगा कि क्या राजस्थान में सवर्णों का आरक्षण लोकसभा चुनावों से पहले लागू होता है या फिर ये विऱोधी मानसिकता रखने वालों की भेंट चढ़ता है।

Source: Ganesh

Read more: बेनीवाल द्वारा राज्यपाल के अपमान पर गहलोत-जोशी की चुप्पी, दुर्योधन द्वारा पांचाली के चीर हरण पर भीष्म पितामह भी मौन थे