जयपुर। प्रदेश की कांग्रेस सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की चलाई जा रही योजनाओं के बाद अब अन्य कई चीजों में भाजपा के नक्शेकदम पर चल रही है। वसुंधरा राजे सरकार के समय मंत्रीगण जनसुनवाई करते थे और कार्यकर्ताओं व आमजन की समस्याओं का समाधान निकालते थे। इसी क्रम में अब गहलोत सरकार ने भी जनसुनवाई करने का फैसला किया है। गुरुवार को पीसीसी में आयोजित हुई बैठक के बाद वसुंधरा सरकार की तर्ज पर अब मंत्रियों द्वारा जनसुनवाई करने का निर्णय लिया गया है। पीसीसी में मंत्रियों का रोस्टर बनाया जाएगा जिसके अनुसार अलग-अलग दिन मंत्री अपने विभाग से संबंधित जनसुनवाई करेंगे और प्राप्त शिकायतों का तुरंत ही निपटारा करेंगे। सरकार के मंत्री के साथ ही संगठन के पदाधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहेंगे ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कोई काम न अटके व उन्हें जनसुनवाई में प्राथमिकता मिल सके।

सदस्यता अभियान के लिए ऑनलाइन मेंबरशिप होगी शुरू

कांग्रेस के सदस्यता अभियान की बात की जाए तो इसमें भी कांग्रेस सरकार भाजपा को फॉलो कर रही है। दरअसल पीसीसी बैठक में इस बात पर भी फैसला हुआ है कि अब परंपरागत माध्यम के साथ ऑनलाइन मेंबरशिप की व्यवस्था भी शुरू की जाएगी। भाजपा ने हाल ही में हाइटेक तरीके से सदस्यता अभियान चलाया था। इसी क्रम में अब तकनीक के दौर में कांग्रेस भी ऑनलाइन सदस्य बनाने की तैयारी में है। पिछले हफ्ते कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ दिल्ली में हुई बैठक में भी सभी प्रदेशाध्यक्षों को सदस्यता अभियान में सक्रियता से काम करने के निर्देश दिए गए थे।

बसपा विधायकों को मंत्री नहीं बनाने की उठी मांग

बैठक में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह रावत ने कहा कि बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों को मंत्रीपद नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि इससे वर्तमान कांग्रेस विधायक, पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाएगा और उनका मनोबल कम होगा। डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि बसपा विधायक मंत्रीपद के लोभ-लालच से नहीं बल्कि जनहित के लिए पार्टी में शामिल हुए है।