जयपुर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज से दो दिवसीय प्रदेश दौरे पर हैं। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राहुल गांधी का यह सातवां दौरा है। राहुल गांधी सूरतगढ़ एयरस्ट्रिप पर पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने उन्हें रिसीव किया। पीलीबंगा में सभास्थल में भीड़ नहीं हैं। इसलिए, राहुल को अभी सूरतगढ़ में ही रोक लिया गया है। माना जा रहा है कि सभास्थल पर भीड़ होने पर राहुल वहां पहुंचकर सभा को संबोधित करेंगे। पीलीबंगा के बाद राहुल गंगानगर के पदमपुर में किसान महापंचायत रैली को संबोधित करेंगे। फिलहाल, सभा के लिए किसान और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बसों और ट्रैक्टर में भरकर पहुंचे हैं।
लंबे सियासी संग्राम के बाद दोनों एक मंच पर
सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के लंबे सियासी संग्राम के बाद आज दोनों एक मंच पर होंगे। दोनों के साथ मौजूद होंगे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी। गहलोत और पायलट के बीच गहरी हुई मत और मनभेद की खाई को एक बार फिर राहुल के दौरे के बहाने दूर करने का प्रयास किये जाने की संभावना है। यह बात दीगर है कि ये दूरियां मिट पायेगी या नहीं।
दौरे के कई मायने
किसान आन्दोलन को मजबूती देने के लिए आ रहे राहुल गांधी के इस दौरे के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। इस दौरे के जरिये जहां राहुल गांधी सॉफ्ट हिन्दूत्व के एजेण्डे को आगे बढ़ाएंगे वहीं जाटलैंड को साधने की भी कोशिश करेंगे। अपने दो दिन के दौरे में राहुल गांधी यहां पांच जगहों पर किसान सभाओं को सम्बोधित करेंगे। यहां राहुल का ट्रेक्टर रैली और तेजाजी महाराज के मंदिर में दर्शन का भी कार्यक्रम है। जिन क्षेत्रों में राहुल गांधी के कार्यक्रम में रखे गए हैं। वो किसान बाहुल्य होने के साथ ही जाट बाहुल्य भी हैं। कांग्रेस राजस्थान के साथ ही दूसरे राज्यों के जाट वोट बैंक को साधने की कोशिश इस दौरे के जरिये करेगी।
किसान महापंचायतों को लेकर काफी चर्चा में हैं पायलट
गहलोत और पायलट के दरम्यिन आई दूरियों के बीच हाल ही में किसान महापंचायतों को लेकर पायलट काफी चर्चा में हैं। पायलट इन दिनों एक बार फिर से किसान महापंचायतों के बहाने प्रदेश में सक्रिय हो रहे हैं। पायलट अपने प्रभाव वाले पूर्वी राजस्थान में महापंचायतों के जरिये किसानों के बीच में जा रहे हैं। पायलट की इन महापंचायतों को लेकर भी सियासी चर्चाओं का दौर गरम है। गहलोत खेमा इन महापंचायतों की गहराई से समीक्षा कर रहा है। ऐसे हालात में राहुल के दौरे के दौरान वे किसे ज्यादा तवज्जो देते हैं इस पर राजनीति विशेलेषकों की नजरें गड़ी हैं।