पाक से आज घर पहुंचे जयपुर के गजानंद, 29 अन्य भारतीय मछुआरे भी वाघा बॉर्डर से देश पहुंचे…
आजादी के केवल दो दिन पहले पाकिस्तान की जेल में बंद 30 भारतीयों को आज रिहा कर दिया गया है। इन 30 भारतीयों में से एक जयपुर का गजानंद भी शामिल है जो पिछले 36 सालों से लाहौर की लखपत जेल में कैद था। गजानंद शहर के नाहरगढ़ के फतेहराम का टीबा का निवासी है जो 36 साल पहले 1982 में लापता हो गया था। घर वाले अब तक उसे भूल भी चुके थे लेकिन इसी साल अप्रैल माह में पाक से भारतीय नागरिकता संबंधी दस्तावेज सत्यापन के लिए राजस्थान आए। तब जाकर उसके जिंदा होने और पाक जेल में बंद होने की खबर लगी और उसकी रिहाई के प्रयास शुरु हुए। इस रिहाई के साथ ही उनकी पत्नी मखनी देवी का 36 साल का लंबा इंतजार आज जाकर खत्म हुआ है। उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। पूरी कॉलोनी स्वागत में जुटी हुई है।
पाक दस्तावेजों के मुताबिक गजानंद पर फॉरेनर्स एक्ट में केस दर्ज था। वह पाकिस्तान में बिना ट्रेन टिकट के पकड़ा गया था। तीन-चार दिन दूतावास की कार्रवाई पूरी होने के बाद वह घर वापिस आ सकेगा।
गजानंद जब लापता हुआ था, तब उसकी उम्र 33 साल थी। अब गजानंद की आयु 69 वर्ष हो गई है। जयपुर शहर के सांसद रामचरण बोहरा ने भी रिहा होने की पुष्टि की है। पाक दस्तावेजों के मुताबिक गजानंद पर फॉरेनर्स एक्ट में केस दर्ज था। वह पाकिस्तान में बिना ट्रेन टिकट के पकड़ा गया था। गजानंद के साथ 29 अन्य भारतीयों को भी पाकिस्तान की विभिन्न जेलों से रिहा कर दिया गया है। उक्त सभी मछुआरे बताए जा रहे हैं जो भूलवश सीमा के उस पार चले गए थे। इन सभी 30 भारतीयों को वाघा-अटारी बॉर्डर से आज दोपहर भारतीय सीमा में प्रवेश कराया गया है। दो से तीन दिन तक दूतावास और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई के बाद परिजनों से मिलने दिया जाएगा।
कराची से जिन ट्रेन से उक्त 30 भारतीय को वाघार बॉर्डर से भेजा रहा है, उसके संचालन में किसी कारणवश देरी होने से इस सभी के पहुंचने में थोड़ी देर हो गई थी। वाघा बॉर्डर पर इन सभी के दस्तावेज संबंधी कार्रवाई के लिए उच्चायोग के काउंसलर्स की टीम मौजूद रहेगी। इसी तरह अन्य कई खानापूर्तियों के बाद सभी बंदियों को वाघा-अटारी बॉर्डर के जरिए पाक से भारत की सीमा में प्रवेश करा दिया गया है।