राजस्थान की भाजपा सरकार अब मुख्यमंत्री निशुल्क कोचिंग योजना के तहत एक हजार प्रतिभावान बच्चों को सालाना 60 हजार रुपए की सहायत देगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने सोमवार को बताया कि सरकार छात्रों को आई.आई.टी., आई.आई.एम., विधि, राष्ट्रीय स्तर के मेडिकल कॉलेज एवं राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान के लिए निशुल्क कोचिंग कराएगी। उन्होंने कहा कि विभाग के छात्रावासों में आवासरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व विशेष पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को अनुप्रति योजनान्तर्गत सूचीबद्ध इन संस्थाओं में प्रवेश लेने के लिए निःशुल्क कोचिंग कराएगी जाएगी।
डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि इन वर्गों के प्रति वर्ष एक हजार बच्चों को आई.आई.टी., आई.आई.एम., विधि, राष्ट्रीय स्तर के मेडिकल कॉलेज एवं राष्ट्रीय तकनीकी सूचीबद्ध संस्थानों में प्रवेश के लिए जयपुर एवं कोटा में कार्यरत प्रतिष्ठित चयनित कोचिंग संस्थानों का चयन कर उनमें कोचिंग कराई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा 2016-17 के अनुसरण में, प्रतिभावान विद्यार्थियों को कोचिंग की निःशुल्क सुविधा के सम्बन्ध में दिनांक 10 फरवरी, 2017 को मुख्यमंत्री निःशुल्क कोचिंग योजना के दिशा-निर्देश जारी किए गए। डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री निःशुल्क कोचिंग योजना के दिशा-निर्देश 2016 के अंतर्गत इस निःशुल्क कोचिंग योजना का मुख्य उद्देश्य कमजोर वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के प्रतिभावान विद्यार्थियों को ऐसे संस्थानों में प्रवेश के लिए समर्थ बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
डॉ. चतुर्वेदी द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों से अपेक्षा की गई है कि राज्य में प्रतिभावान विद्यार्थियों की निःशुल्क कोचिंग योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु अधिकाधिक प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग, मेडिकल पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए दो वर्ष एवं विधि और प्रबंधन पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए एक वर्ष कोचिंग सुविधा दी जाएगी।
कोटा में पढ़ेंगे सभी वर्गों के 500-500 छात्र
मंत्री डॉ. चतुर्वेदी के अनुसार कोटा एवं जयपुर में सभी वर्गों के 500-500 विद्यार्थियों का प्रतिवर्ष चयन किया जाएगा। इसमें 30 प्रतिशत संस्थान संबंधित श्रेणी की छात्राओं के लिए आरक्षित होंगे। उक्त वर्ग की छात्रायें नहीं मिलने पर रिक्त स्थान उसी वर्ग के छात्रों से भरे जाएंगे। डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि कोचिंग प्रवेश के लिए विद्यार्थियों के लिए कोई भी परीक्षाओं के अंक को मापदण्ड बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोचिंग संस्थानों के चयन के लिए निदेशालय स्तर निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया। जो कमेटी कोचिंग संस्थान का दो साल के लिए अनुबंध किया जाएगा।
60 हजार रुपए सालाना देगी सरकार
चयनित कोचिंग संस्थान को कोचिंग के लिए प्रथम वर्ष में अधिकतम राशि 60 हजार रुपये प्रति विद्यार्थी स्वीकृत की जाएगी। इसके बाद आगामी वर्षों में प्रतिवर्ष की वृद्धि की जा सकेगी।