अजमेर में एक बिजनेस मैन द्वारा अपने ही नौकर को कंपनी का डायरेक्टर बनाकर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। पीड़ित का आरोप है कि करोड़ों रुपए का टैक्स बकाया होने पर जब इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिला तो उसे इसका पता चला और नोटिस से उसे सदमा लगा । पीड़ित दिव्यांग है और आरोपियों के सम्पर्क में पेट्रोल पम्प पर नौकरी करते समय आया, आज भी वह अपना गुजर बसर चौकीदारी करके कर रहा है। पीड़ित की रिपोर्ट पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने बिजनेस मैन गोविन्द गर्ग व उसकी पत्नी आशा गर्ग के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक प्रेमनगर, टीचर्स कॉलोनी, फॉयसागर रोड, अजमेर निवासी राकेश शर्मा पुत्र राजेन्‍द्र प्रसाद शर्मा पेट्रोल पम्प पर नौकरी करता था। सर्विस के दौरान मालिक के बड़े भाई गोविन्द गर्ग तथा उनकी पत्नी आशा गर्ग से भी जान-पहचान हो गई थी। गोविन्द गर्ग व आशा गर्ग द्वारा राज ऑटो व्हील्स प्रा.लि. कंपनी जिसमें मारुति की डीलरशिप का संचालन किया जाता था और दोनों ही उक्त कंपनी में डायरेक्टर थे। इस कंपनी का वर्कशॉप भूणाबाय कांकरदा स्थित था। गोविन्द गर्ग द्वारा राज ऑटो व्हील्स वर्कशॉप भूणाबाय कांकरदा पर कई बार बुलाकर कार्य बताते थे।

अचानक आयकर विभाग से नोटिस मिला कि आप इस कंपनी में डायरेक्टर हो तथा आपके विरुद्ध करोडों रूपए का टैक्स बकाया है, इस नोटिस के मिलने के बाद गोविंद गर्ग व आशा गर्ग से संपर्क किया तो दोनों ने बताया कि उनसे गलती हो गई है और कंपनी के कागजों में डायरेक्टर बनाया। इस टैक्स को वो चुका देंगे। परंतु कुछ दिनों बाद वापस नोटिस आया तो गोविन्द गर्ग व आशा गर्ग ने झांसा दिया कि हम इसे कोर्ट में निरस्त करा देते है और एक वकील साहब को लेकर आए और कुछ दस्तावेजो पर हस्ताक्षर करवाए।

इससे पहले भी गोविन्द गर्ग ने कुछ खाली कागजो व खाली फार्मों पर हस्ताक्षर करवाए थे तथा इन लोगों ने कूटरचित तरीके से कंपनी में लगभग सन 2012-13 में डायरेक्टर बना दिया तथा दूसरा डायरेक्टर उन्होंने अपने यहां कार्य करने वाले मजदूर अब्दुल वाहिद को बना दिया, जो कि कार बिजनेस मे उसके जैसा अनाडी आदमी है। गोविन्द गर्ग व आशा गर्ग दोनों ही डायरेक्टर पद से हट गए। मारुति कंपनी द्वारा गोविन्द गर्ग व आशा गर्ग से मारुति डीलरशिप सन् 2012 में वापस ले ली गई थी तथा गोविन्द गर्ग ने अपनी मारुति कंपनी (राज ऑटो व्हील्स प्रा.लि.) सन 2013 में बंद कर दी थी।

वर्ष 2020 में लॉकडाउन लग गया था तथा उसके बाद बीमार हो जाने के कारण उसकी एक टांग काट दी गई, तब गोविन्द गर्ग व आशा गर्ग को फर्जी दस्तावेजो व कंपनी के डायरेक्टर शीप से मुक्ति दिलाने की बात कही। तब दोनों ने आश्वासन दिया कि अब हम इसे खत्म करवा देंगे और आपको फ्री करवा देंगे, परंतु ऐसा हुआ नहीं । मार्च 2022 में स्वयं के विकलांग हो जाने पर पत्नी के सहयोग से बैंक से लोन लेकर एक प्लास्टिक के कप, दोने, प्लेट इत्यादि बनाने का घरेलू लघु-उद्योग खोल लिया था। तब मैने बैंक में 60 हजार जमा कराए। बैंक अकाउंट इनकम टेक्स में सीज होने का पता चला। तब गोविन्द गर्ग से कहा कि पैसे लौटा दो और जो फर्जीवाडा किया, सब खत्म करो। इसके बाद आरोपी उसे धमकियां देने लगे।

गर्ग ने धमकी दी कि हमारे पास कई आदमी है, हम तेरे को जान से मरवा देंगे और हमने कई जगह तेरे हस्ताक्षर कर तेरे दस्तावेजो को उपयोग में लाकर तुझे कंपनी में डायरेक्टर बता रखा है। हम तुझे जान से ही मरवा देंगे, ताकि यह रिकॉर्ड व टैक्स का झंझट ही खत्म हो जाएगा। आशंका है कि आरोपी कभी भी उसे जान से खत्म करवा देंगे और सारा बकाया टेक्स का इल्जाम उसके माथे थौप देंगे। आज भी सारा बिजनेस व कैश लेन-देन का तथा अकाउंट वगैरह का सारा काम गोविन्द गर्ग ही देखते है और अभी भी राज ऑटो व्हील्स की ईमेल आई.डी. आज तक भी गोविन्द गर्ग ही चला रहे है। पहले भी कार खरीदने बेचने का कैश लेन-देन का सारा काम बिजनेस का गोविन्द गर्ग ही करते थे और यहीं इन सबके जिम्मेदार थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।