पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा है कि मई 2008 में गुलाबी नगर को खून से रंगने वाले और 80 लोगों को अपाहिज बनाने वाले जयपुर बम ब्लास्ट मामले में कांग्रेस सरकार ने ठीक से पैरवी नहीं की। हाईकोर्ट का यह फैसला उसी का परिणाम है। राजे ने कहा कि घटना के बाद आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। सरकार ने जानबूझकर इतने गंभीर मामले को हल्के में लिया, नहीं तो निचली अदालत का फैसला बरकरार रहता। इस केस में तो सरकार के अतिरिक्त महा अधिवक्ताओं ने कई दिनों तक पैरवी ही नहीं की। कहीं सरकार के इशारे पर तो ऐसा नहीं हुआ?
वसुंधरा राजे ने कहा कि आज उन परिवारों पर क्या बीत रही होगी, जिनके अपने उस वक्त हुए धमाकों में जान गँवा बैठे। किसी का सुहाग उजड़ा, तो किसी का भाई उससे जुदा हुआ। किसी का पिता, किसी की माँ, किसी की बहन, किसी के बच्चे इस हादसे में चल बसे। क्या उनकी चीखें इस सरकार के कानों तक नहीं पहुँच रही। कहीं सरकार ने तुष्टिकरण के चलते तो ऐसा नहीं किया?
पूर्व सीएम ने कहा कि इस प्रकरण में सरकार दोषी है। सरकार की मंशा के अनुरूप जयपुर में हुए बम ब्लास्ट के आरोपी भले ही फ़िलहाल बरी हो गए हों, लेकिन जनता समय आने पर इसका जवाब देगी।
इस मामले में 29 मार्च को हाईकोर्ट का फैसला आया था। जिसमें निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए गये चारों दोषियों को अदालत ने बरी कर दिया। इस पर भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत सरकार पर निशाना साधा। सीएम गहलोत ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का भी फैसला किया है। उसके बाद एक अप्रैल को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने इस मामले पर बयान जारी कर मौजूदा कांग्रेस सरकार के खिलाफ टिप्पणी की है।