कोटा।कोटा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड कोटा में गुरुवार को फ्लेवर्ड मिल्क बॉटलिंग प्लांट का शुभारंभ किया गया।  प्रबंधक प्रमोद चारण ने बताया कि मुख्य अतिथि उपभोक्ता होलसेल भण्डार के अध्यक्ष हरिकृष्ण बिरला व  संघ के अध्यक्ष चैन सिंह राठौड़  ने फीता काटकर प्लांट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्लांट पर फ्लेवर दूध के उत्पादन व पैकेजिंग को अतिथियों ने देखा। इस अवसर  पर प्लांट मैनेजर शांतनु बैरवा,ए.ओ. शीला शर्मा व परियोजना अधिकारी दिनेश कुमार गुप्ता व सीनियर अधिकारी एस के सैनी उपस्थित रहे।

दूध उत्पादक,डेयरी व जनता को लाभ

मुख्य अतिथि हरिकृष्ण बिरला ने कहा कि आज के उद्घाटन के उपरान्त इस परियोजना से तीन लोग लाभांवित होंगे। जनता को उचित मूल्य पर फ्लेवर मिल्क उपलब्ध होगा। वहीं दूध की खपत बढ़ेगी तो दुग्ध उत्पादक किसानों को भी लाभ पहुंचेगा और साथ ही डेयरी के मुनाफे में भी वृद्धि दर्ज की जाएगी। उन्होने कहा कि सरस दूध अपनी एक पहचान रखता है ऐसे में फ्लेवर दूध आने के बाद इसकी लोकप्रियता में वृद्धि होगी।

स्ट्रॉबेरी,चॉकलेट व इलाइची फ्लेवर
अध्यक्ष चैन सिंह राठौड़ ने कहा कि कोटा की जनता को अब कोटा सरस डेयरी फ्लेवर मिल्क उपलब्ध करवायेगी यह मिल्क स्ट्रॉबेरी,चॉकलेट व इलाइची फ्लेवर में रहेगा। इससे पूर्व संघ को अजमेर से खरीद कर जनता को उपलब्ध करवाया जाता था। नेशनल प्रोग्राम फॉर डेयरी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत 1.93 करोड़ की लागत इस प्लांट के निर्माण में आई है। आधा खर्च संघ ने वहन किया है और आधा   नेशनल प्रोग्राम फॉर डेयरी डेवलपमेंट  बोर्ड के माध्यम से वहन किया गया है। प्लांट यहां शुरू होने के बाद परिवहन का खर्च तो बचेगा और कोटा वासियों को शुद्ध ताजा दूध मिल सकेगा। इसमें स्ट्रॉबेरी, चॉकलेट व इलाइची फ्लेवर उपलब्ध होगें।एक बॉटल में 200 एमएल दूध आएगा जिसकी कीमत 22 रुपए होगी। एक बैच में 2000 बॉटल दूध तैयार होगा  एक दिन में तीन बैच संचालित हो सकेंगे। जिससे 6000 बॉटल दूध का उत्पादन प्रतिदिन फ्लेवर दूध का उत्पादन होगा। यह दूध तीन माह तक उपयोग में लिया जा सकता है

कोटा-बूंदी के 15 रूटों से आता है दूध
अध्यक्ष चैन सिंह ने बताया कि कोटा डेयरी में कोटा व बूंदी जिले के मार्गों से दूध आता है। जिसे यहां आने के बाद ठंडा किया जाता है। व अन्य जांच व प्रणाली के बाद उसे गोल्ड, स्टेन्डर्ड, टी स्पेशल, टोण्ड व डबल टोण्ड केटेगिरी में तैयार किया जाता है। जो 200 एमएल, 500 एमएल व 6 हजार एमएल की पेकिंग में बाजार में उपलब्ध करवाया जाता इसके साथ ही दही, छाछ (नमकीन व मीठी), लस्सी, पनीर, मावा, घी, श्रीखंड,पैठा, तैयार किया जाता है।

कोचिंग के उपलब्ध होगी सरस उत्पाद

राठौड़ ने बताया कि सरस के विभिन्न उत्पादों को कोचिंग सेंटर की केंटिन में उपलब्ध करवाया जाएगा। जहां देश का हर कौने से आने वाला विद्यार्थी शुद्ध व गुणवत्ता पूर्ण दूध व दही के उत्पादों का सेवन कर सकेगा और कोटा के उत्पाद की ख्याति पूरी देश में होगी। उन्होने कहा कि शहर में आने वाले विधार्थिओ और जनता को शुद्ध दूध व दूध के उत्पाद मिले इसके लिए हम सजग है। फ्लेवर मिल्क को 3 बार चैकिंग के बाद सप्लाई में भेजा जाएगा।