राजस्थान के कोटा शहर के 4 समेत पांच भारतीय छात्रों ने इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड (आईपीएचओ) में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। फिजिक्स ओलंपियाड के इतिहास में पहली बार पांचों भारातीय छात्रों ने गोल्ड मेडल जीता है। उल्लेखनीय है कि इसमें इंडिया 21 साल से भाग ले रहा है। ओलंपियाड में इससे पहले सबसे बड़ी उपलब्धि चार गोल्ड व एक सिल्वर मेडल की रही है। आईपीएचओ में कोटा के लय जैन, मुंबई के भास्कर गुप्ता, राजकोट के निशांत अभांगी, जयपुर के पवन गोयल व कोलकाता के सिद्धार्थ तिवारी ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। इसमें से भास्कर गुप्ता, लय जैन, निशांत अभांगी व पवन गोयल ने कोटा में रहकर कोचिंग की थी। आईपीएचओ पिछले सप्ताह पुर्तगाल के लिस्बन में आयोजित हुआ था।
86 देशों के 396 विद्यार्थियों ने लिया भाग, 42 स्टूडेंट्स ने जीता गोल्ड मेडल
बता दें, इंटरनेशनल फिजिक्स ओलंपियाड में पूरे विश्व के 86 देशों के 396 विद्यार्थियों ने भाग लिया था, जिसमें 42 स्टूडेंट्स ने गोल्ड मेडल हासिल किए हैं। इंटरनेशनल ओलंपियाड में सलेक्शन के लिए होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन एग्जाम करवाता है। जोनल व नेशनल लेवल पर सलेक्शन के बाद ओरिएंटेशन कैंप आयोजित किया जाता है। जोनल लेवल पर करीब एक लाख स्टूडेंट्स बैठते हैं। ओरिएंटेशन कैंप के लिए पूरे देश से 32 स्टूडेंट्स का चयन होता है। इसमें से 5 छात्रों का चयन इंटरनेशनल ओलंपियाड के लिए किया जाता है।
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17 साल बाद पांचों भारतीय स्टूडेंटस ने जीते गोल्ड
17 साल बाद ऐसा मौका आया है जब पांचों भारतीय स्टूडेंट्स ने गोल्ड मेडल जीता है। ओलंपियाड मुख्य रूप से केमेस्ट्री, फिजिक्स, मैथ्स, बॉयोलाजी, अर्थ साइंसेज, एस्ट्रोनॉमी और जूनियर साइंस के लिए आयोजित किए जाते हैं। गौरतलब है कि ओलंपियाड में इंडियन एजुकेशन पैटर्न व स्टूडेंट्स की तुलना अन्य देशों के स्टूडेंट्स से होती है। इस प्रतियोगिता में प्रमुख रूप से 11वीं व 12वीं कक्षा के छात्र ही भाग लेते हैं। इससे दूनिया को यह भी पता चलता है कि इंडिया की शुरुआती शिक्षा विश्व में किस स्तर की है।