स्वास्थ्य भवन सभागार में भी बापू के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर 2 मिनट का मौन रखा गया फिर स्वास्थ्यकर्मियों व आशा सह्योगिनियाँ के साथ कुष्ठ रोग कारण व निवारण विषयक संगोष्ठी व प्रश्नोत्तरी के आयोजन के साथ ही स्पर्श कुष्ठ रोग जागरूकता पखवाड़े का आगाज किया गया। मौके पर कुष्ठ रोगियों को कंबल व चप्पल वितरित की गई। 13 फरवरी तक चलने वाले इस अभियान में शहर से लेकर गाँव तक विभिन्न जनजागरण व सर्वे गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।
सीएमएचओ डॉ पंवार ने बताया कि कुष्ठ कोई आनुवंशिक रोग नहीं है। राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत इसकी जाँच एवं ईलाज सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त में उपलब्ध है। कुष्ठ रोग की शुरूआत में पहचान एवं जाँच करवा ली जावे तथा पूर्ण इलाज लिया जावे तो कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक हो जाता है एवं शारीरिक विकलांगता से बचा जा सकता है। इसका इलाज कुछ मामलों में 6 माह एवं कुछ मामलों में 12 माह का हो सकता है।