देश भर में चल रही नोटबंदी से हर कोई परेशान है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम की सभी देशवासी तारीफ भी कर रहे हैं। राजस्थान देश का सबसे बड़ा प्रदेश हैं। क्षेत्रफल और जनसंख्या की दृष्टी से देश में राजस्थान का एक बहुत बड़ा हिस्सा हैं। इस हिस्से में सर्वाधिक किसान आते हैं। राजस्थान कृषि के लिहाज से देश का सबसे उन्नत प्रदेश है इसलिए नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर प्रदेश के किसानों पर पड़ा हैं। इस नोटबंदी के असर को कम करने के लिए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कई प्रयास किए हैं किसान वर्ग को राहत प्रदान करने के लिए राजस्थान सरकार ने उन्हे सहकारी बैंकों से ऋण देने की व्यवस्था शुरू करने जा रही हैं। इसी को मध्यनजर रखते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देशानुसार सूबे मुख्यसचिव ओ.पी मीणा और सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने केंद्रीय आर्थिक मामलात विभाग को पत्र लिखकर प्रदेश के किसानों के लिए राहत की मांग की।
सरकार को कोसने की बजाए करें अपनी जनता के लिए काम
1000-500 के नोट बंद होने के असर राजस्थान पर भी पड़ा है लेकिन राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्र सरकार के कोसने के बजाय अपने किसान वर्ग को राहत देने की कोशिश की हैं। जहां सभी विपक्ष के नेता नोटबंदी के नुकसान गिना रहे है वही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश भर के किसानों से उनके हालातों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री राजे ने अपने स्तर पर कोशिश करते हुए प्रदेश के किसानों को राहत देने के लिए सहकारी बैंकों से ऋण देने की योजना पर कार्य कर रही है ताकि किसानों को नोटबंदी के इस दौर में नुकसान से बचाया जा सकें।
प्रदेश के किसानों की स्थिती से केंद्र को करवाया अवगत
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किसानों के उनकी स्थिती के बारें में जानकर प्रदेश के मुख्य सचिव ओ.पी.मीणा और सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक को किसानों की स्थिती से केंद्र को अवगत कराने और सहकारी बैंकों तथा किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए आर्थिक सहायता के लिए निर्देशित किया। जिस पर अमल करते हुए सहकारिता मंत्री अयज सिंह किलक और मुख्य सचिव ओ.पी. मीणा ने केंद्रीय आर्थिक मामलात विभाग को पत्र लिखा हैं।
राजस्थान के किसानों को राहत देने का फैसला
सहकारिता विभाग ने किसानों को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देशों पर राहत देने का फैसला किया हैं। सहकारिता विभाग ने व्यवस्था की है कि वे किसान जो ग्राम सेवा सहकारी समिकि के ऋणी सदस्य हैं अब फसली ऋण खाते के द्वारा खाद-बीज की खदीददारी कर सकेंगे। ग्राम सेवा सहकारी समिति के अलावा क्रय-विक्रय सहकारी समितियां भी खाद-बीज वितरण करने की व्यवस्था करेंगी। इसके अलावा वे किसान जो ग्राम सेवा सहकारी समिति के सदस्य नही है अपने बैंक खाते से केंद्रीय सहकारी बैंक की शाखा में राशि जमा करवाकर खाद-बीज ले सकते हैं।
सहकारीता समिति से ले सकते हैं खाद-बीज
समिति को खाद -बीज के बराबर की राशि एनईएफटी, पे-ऑर्डर या ड्राफ्ट से जमा करवा सकते हैं। इसके अलावा जो गैर सदस्य है वे किसान सदस्य की चैक गारंटी से सहकारी समिति से खाद-बीज ले सकते है जिसकी सीमा 5000 रुपए तक होगी।
1000-500 की नोटबंदी से किसानों को हो रहा हैं सबसे ज्यादा नुकसान
मुख्यमंत्री राजे के निर्देशों पर सहकारिता राज्य मंत्री अजय सिंह किलक ने बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री तथा वित्त राज्य मंत्री को पत्र लिखकर खाद-बीज और ऋण अदायगी में किसानों को आ रही समस्याओं की जानकारी दी। 1000-500 के नोट बंद होने से किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा हैं किसानों के पास धान बिक्री का रुपया रखा हुआ था इसे जब किसान अपने क्रेडिट कार्ड लिमिट में जमा करा रहा है तो पैनकार्ड बैंक में माग रहे हैं। अगर किसी किसान का रुपया जमा भी है तो निकासी में परेशान आ रही हैं।
खाद-बीज नही मिलने से बुवाई प्रभावित
खाद और बीड नही मिलने से किसानों की बुवाई प्रभावित हो रही है । किसानों का कहना है कि डीजल पर कम से कम एक सप्ताह पुराने नोट लेने का समय बढ़ाए साथ ही खाद एवं बीज भी पुराने नोटों पर उपलब्ध करवाएं।
किसानों के पास भी है ऑनलाइन पेमेंट का ऑप्शन
अगर किसानों की बैंक की लिमिट या बचत खाते में रुपया जमा है और 10 हजार की सीमा के चलते अधिक भुगतान नही कर पा रहे हैं तो उनके लिए ऑनलाइन पेंमेंट का ऑप्शन भी हैं। किसान खाद या बीज विक्रेता को अपने खाते से आरटीजीएस या नेफ्ट से भुगतान कर सकते हैं।