जयपुर। देशभर में बिजली संकट को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। राजस्थान में मानूसन की बेरूखी के बाद लगातार बढ़ते बिजली संकट को लेकर काफी परेशान है। इसी बीच किसानों के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है। प्रदेश के किसान रबी की फसल की तैयारियों में हैं लेकिन इस वक़्त खाद का संकट बन आया है। खाद के लिए किसान घंटो कतारो में खड़े हो रहे हैं। बावजूद खाद नहीं मिल रही है। राजस्थान सरकार ने डीएपी खाद के संकट के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

ब्लैक में बिक रहे है महंगे दामों में खाद
प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारियों के गोदाम और खाद की दुकानें तो खुली हुई हैं लेकिन उन्हें डीएपी खाद नहीं मिल पा रहा है। खाद की दुकानों पर लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं और प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से किसानों के आक्रोश की खबरें भी लगातार आ रही हैं। किसानों का आरोप है कि खाद महंगे दामों में ब्लैक से बेची जा रही है और उसका अवैध भंडारण किया जा रहा है। समय पर खाद नहीं मिलने से रबी की बुवाई में देरी हो रही है।

प्रति हेक्टेयर 50 किलो डीएपी खाद की जरूरत
चिंता इस बात को लेकर है कि अगले 8-10 दिन इसी तरह की स्थिति रही तो खेतों में सरसों की बुवाई के लिए जरुरी नमी खत्म हो जाएगी। जानकारी के अनुसार सरसों की बुवाई में प्रति हेक्टेयर में करीब 40 से 50 किलो डीएपी खाद की जरूरत होती है।

प्रदेश में डीएपी की भारी डिमांड
कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया के मुताबिक प्रदेश में अप्रेल से सितम्बर तक 4.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी की डिमाण्ड भेजी गई थी लेकिन केन्द्र सरकार ने 3.07 लाख मीट्रिक टन की ही आपूर्ति हो पाई। वहीं अक्टूबर महीने में भी 1.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी की मांग के विरुद्ध 68 हजार मीट्रिक टन डीएपी ही स्वीकृत की गई। कृषि मंत्री का कहना है कि डीएपी दूसरे देशों से इम्पोर्ट होता है और पर्याप्त मात्रा में नहीं आ पा रहा है।