जयपुर में महापड़ाव से रोकने के लिए जिन किसानों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था, उन्हें तत्काल रिहा किया जाएगा। उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत ही जयपुर महानगर क्षेत्र में किसानों को जयपुर महापड़ाव की अनुमति प्रदान नहीं की गई है। गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने विधानसभा में शून्यकाल के दौरान यह बात कही है। उन्होंने बताया कि जयपुर महापड़ाव में रोकने के लिए किसानों से व्यक्तिगत समझाइश भी की गई थी, लेकिन किसानों द्वारा विभिन्न जिलों से रवाना होना जारी रखा गया। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए रक्षात्मक कदम उठाते हुए कुल 332 लोगों को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया था। उनमें से 165 ने जमानत ले ली है। शेष 167 लोगों को रिहा कर दिया जाएगा।
कटारिया ने इस संबंध में उठाये गये मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘उच्च न्यायालय द्वारा जुलाई, 2017 में जारी अंतरिम आदेश के तहत प्रशासन को जयपुर महानगर क्षेत्र में कार्य दिवसों के दौरान घनी आबादी क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की रैली, जुलूस, विरोध प्रदर्शन नहीं किया जाना सुनिश्चित करने के लिए पाबंद किया गया था। इसके पश्चात् उच्च न्यायालय द्वारा संशोधन आदेश में रैली आदि के लिए दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे तक छूट प्रदान की गई थी।’
गृह मंत्री ने कहा कि किसानों द्वारा विभिन्न जिलों में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त रामू का बास तिराहा, जयपुर-बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग-52 पर किसानों द्वारा जाम जारी रखा गया है। जयपुर से सीकर जाने वाले और सीकर से जयपुर आने वाले लोगों एवं बीकानेर से खाटूश्यामजी के दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थियों के लिए वैकल्पिक मार्गों से यातायात की व्यवस्था की गई है।
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