राजस्थान में विधानसभा चुवावों से ठीक एक पखवाड़े पहले अलवर के चार छात्रों ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। चार नौजवानों की सामुहिक खुदकुशी से हर कोई स्तब्ध था। सूबे की वसुंधरा राजे सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच कमेटी बिठाई और अधिकारियों को हर एक पहलु पर बारिकी से खोजबीन करने के निर्देश दिए।
चूंकि चुनावी मौसम था तो कांग्रेस भला इस घटना को बिना चुनावी मुद्दा बनाए कैसे जाने दे सकती थी। कांग्रेस ने सोची-समझी रणनीति के तहत मामले को बेरोजगारी से जोड़ते हुए सामुहिक आत्महत्या का कारण मृतकों को नौकरी नहीं मिलना बताया। इतना ही नहीं कांग्रेस ने अपने पूरे चुनावी अभियान में इस मुद्दे को जमकर उछाला तथा बेरोजगारी मिटाने के नाम पर वोट भी मांगे।
पुलिस जांच में सामने आया है कि इस सामुहिक खुदकुशी का कारण बेरोजगारी नहीं बल्कि कुछ और ही था। मामले की जांच कर रहे अरावली विहार पुलिस स्टेशन के थानाधिकारी हरी सिंह धायल की माने तो इनमें से ऋतुराज मीना नाम का एक लड़का किसी लड़की से प्रेम करता था, जिसकी शादी घटना से एक दिन पहले यानि 19 नवंबर को किसी और लड़के से हो गई थी। बताया जा रहा है कि ऋतुराज इस बात से नाराज होकर ट्रेन की पटरियों पर चला गया जहां उसने बाकि दोस्तों को भी बुला लिया। घटना में शामिल हादसे के दो चश्मदीद बताते हैं कि पहले उन्होंने फैसला किया कि ट्रेन जैसे ही नजदीक आएगी वो पटरियों से हट जाएंगे लेकिन ट्रेन की रफ्तार काफी ज्यादा थी, जिससे सभी उसकी चपेट में आ गए और मौत का शिकार हो गए।
चार युवकों की खुदकुशी का मामला जैसे ही अखबारों की सुर्खियां बना कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अशोक गहलोत व सचिन पायलट सरीके नेताओं ने अपने ट्विटर अकाउंट से युवकों की मौत का कारण बेरोजगारी को बताते हुए वसुंधरा सरकार को इसका जिम्मेदार ठहरा दिया। लेकिन पुलिस जांच ने ना सिर्फ घटना का पर्दाफाश किया है बल्कि कांग्रेस के झूठ को एक बार फिर जनता के सामने रख दिया है।
Author
Om Prakash