इंटरनेट पर एक एप्प ट्रेंड कर रहा है। जिसका नाम है FaceApp. डिजिटल इंडिया का सबसे ज़्यादा फ़ायदा उठाया है, तो वो ऐसे ही FaceApp जैसे एप्प्स ने।
वर्ष 2015 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया की शुरुआत की। डिजिटल इंडिया भारत सरकार की एक पहल है। जिसके तहत सरकारी विभागों को देश की जनता से सीधा जोड़ना है। इसका उद्देश्य है कागजी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किये बगैर सरकारी सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से जनता तक पहुंचना। इस योजना का एक उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को हाई स्पीड इंटरनेट के माध्यम से जोड़ना भी है। इसके बाद डिजिटल इंडिया को एक क़दम और आगे लेकर आये देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अम्बानी। वर्ष 2016 में जिओ (JIO) नेटवर्क लॉन्च कर। उन्होंने शुरू में 6 महीने तक सभी को अनलिमिटेड इंटरनेट डाटा यूज़ करने की सुविधा दी। वो भी बिल्कुल फ़्री। फिर बाद में पैसे लेने लगे। लेकिन अभी तो हम FaceApp की ही बात करेंगे।
When these actors grow old#FaceApp pic.twitter.com/HeyxoHah8i
— 9GAG (@9GAG) July 17, 2019
आखिर FaceApp है किस बला का नाम?
FaceApp एक AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित फोटो एडिटिंग ऐप है। इसे लॉन्च तो 2017 में किया गया था लेकिन ये वायरल अब हो रहा है। खबर लिखे जाने तक FaceApp को गूगल प्ले स्टोर से क़रीब 10 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। इस ऐप में आप कई फ़िल्टर्स के ज़रिये ख़ुद को बूढ़ा या जवान दिखा सकते हैं। आप अपना जेंडर भी बदल सकते हैं। इसके साथ ही आंखों के रंग, कूल स्टाइल, हेयर स्टाइल, हॉलीवुड, दाढ़ी जैसे फ़िल्टर भी दिए गए हैं। सिंगल टैप से बैकग्राउंड कलर बदला जा सकता है। सोशल मीडिया पर लोग सबसे ज्यादा ओल्ड एज फ़ीचर वाले फ़िल्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी फ़िल्टर की वज़ह से FaceApp इतना पॉप्युलर हो रहा है। FaceApp का दावा है कि इसके लगभग 8 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं।
कैसे करते हैं FaceApp का इस्तेमाल?
वैसे तो FaceApp एक फ़्री एप्प है। जिसे ऐप्पल के ऐपस्टोर या फिर एंड्राइड के प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप को यूज़ करना उतना ही आसान है जितना ट्रूकॉलर, हॉटस्टार, शादी डॉट कॉम जैसे अन्य दूसरे एप्प। इसमें ट्रूकॉलर, हॉटस्टार, शादी डॉट कॉम की तरह प्रीमियम ऑप्शन भी हैं। FaceApp के दो वर्ज़न हैं बेसिक और प्रीमियम। बेसिक वर्ज़न वाला ऐप फ्री है जिसमें 21 फिल्टर हैं। मगर प्रीमियम वर्ज़न इस्तेमाल करने के लिए आपको पैसे खर्च करने पड़ेंगे। इस प्रीमियम वर्ज़न में इस 28 के आलावा 21 फिल्टर और दिए गए हैं। प्रीमियम वर्ज़न को 3 दिन तक फ़्री इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके बाद आपको पैसे देने पड़ेंगे। एंड्राइड ऐप के मासिक सब्सक्रिप्शन के लिए 299 रुपए सालाना साल भर के सब्सक्रिप्शन के लिए आपको 1,599 रुपए खर्च करने पड़ेंगे।
लेकिन FaceApp यूज़ करने में कतई समझदारी नहीं है
ऐसा हम इसलिए नहीं कह रहे क्योंकि ये आपकी हरी भरी जवानी को बुढ़ापे में बदल रहा है। बल्कि हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसमें आपके द्वारा भरी गयी निजी जानकारी की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं। जिसकी ज़िम्मेदारी ख़ुद FaceApp भी नहीं ले रहा है। क्योंकि सवाल हैं प्राइवेसी का और आपके डाटा का। आपकी जानकारी को चुराने का सवाल है। क्योंकि आजकल आप सारी जानकारी को अपने स्मार्ट फ़ोन में ही तो रखते हो। गर्लफ्रेंड की फोटो से लेकर बैंक के पासवर्ड तक। बिज़नेस चैट से लेकर निजी तस्वीरों तक। ऐसे में एक गलती सचमुच आपको भरी जवानी में बूढ़ा बना सकती है। तो कहीं बूढ़ा दिखने के चक्कर में आपकी जवानी ना ख़राब हो जाए। और ऐसा होता भी है।
इसी साल मई में आई एक रिपोर्ट का यही दावा था। रिपोर्ट में बताया गया था कि इसी तरह के एक ऐप्लिकेशन ने करोड़ों लोगों की तस्वीरों को पहले फेशियल रिकग्निशन का ऐप बनाने में इस्तेमाल किया। फिर किसी तीसरी पार्टी को बेच डाला। तो सवाल ये है कि Face App की प्राइवेसी पॉलिसी है क्या? और क्यों इस पर दुनिया भर में बवाल मचा हुआ है?
क्या है फेसएप्प की पॉलिसी?
हम तो पॉलिसी ख़रीदते वक़्त भी पॉलिसी ध्यान से नहीं पढ़ते फिर इंटरनेट की पॉलिसी कौन पढ़े? है ना? किसी भी एप्प को डाउनलोड करने से पहले ऊपर वाले का भी नाम नहीं लेते और टिक कर देते हैं। लेकिन पढ़ना ज़रूरी है, क्यों ? इसको ऐसे समझ सकते हैं कि आपको अपनी गाड़ी की सर्विसिंग करवानी है। सर्विसिंग से पहले कंपनी आपके सामने लम्बे चौड़े पोथी पन्नों के रूप में कुछ शर्तें रखती है। अब कौन खोपड़ी पचाये हम बिना पढ़े साइन कर देते हैं। उस लम्बे चौड़े पोथी पन्नों में ये भी लिखा है कि कंपनी आपकी गाड़ी की डुप्लीकेट चाबी बनवाएगी। अब आपकी गाड़ी के दो मालिक हो गए। आपने गाड़ी खड़ी की दफ़्तर की पार्किंग में। कंपनी का बंदा आकर गाड़ी ले गया। दिन भर किराए पर चलाई और शाम को शाम को लाकर खड़ी कर दी।
If you use #FaceApp you are giving them a license to use your photos, your name, your username, and your likeness for any purpose including commercial purposes (like on a billboard or internet ad) — see their Terms: https://t.co/e0sTgzowoN pic.twitter.com/XzYxRdXZ9q
— Elizabeth Potts Weinstein (@ElizabethPW) July 17, 2019
मज़े की बात ये है कि इसकी परमिशन आपने ख़ुद दी है और आपको पता भी नहीं। इसलिए हां कहने से पहले पढ़ना भी ज़रूरी है।
FaceApp के भी अपने नियम हैं… अपने!
नियमों के सुन्दर कांड में FaceApp ने एक-डेड लाइन मारी। इन डेड लाइनों पर अगर आप ध्यान दें तो सारा माज़रा समझ आ जायेगा। एक शब्द है Transferable (हस्तांतरणीय)और दूसरा शब्द है sub-licensable license (उप-लाइसेंस लाइसेंस)। यही तो है पॉइंट का खेल। खेल… डबल खेल। आपसे पहले सारी परमिशन मांगी और फिर कहा ये Transferable है। आप कहेंगे कि लाइसेंस तो तुमको दिया था। वो कहेंगे लाइसेंस थोड़ी ना दे रहे हैं। ‘सब-लाइसेंस’ दे रहे हैं। आपकी चाबी अपने पास रखो। हम ग़रीब तो डुप्लीकेट चाबी के काम चला लेंगे। यानि आपकी गाड़ी तो एक ही है लेकिन उसे चलाने वाली लाडी अब कई हैं। आपके मोबाइल में अब कोई भी सेंध मार सकता है। इसी मोबाइल में हैं आपकी प्राइवेट चैटें हैं फोटुयें, आपकी लोकेशन बैंकिंग डिटेल्स और बाकी डाटा। तो अब क्या गई भैंस पानी में।
उस पर कंपनी सफ़ाई देती है कि हम किसी तीसरी पार्टी को डाटा नहीं देते। बल्कि अपनी पार्टनर कंपनी को देते हैं। अब पैसों के लिए तो किसी को भी पार्टनर बनाया जा सकता है ना।
Official answer from FaceApp.
I was right 😁 pic.twitter.com/Lq3WmbhddY
— Elliot Alderson (@fs0c131y) July 17, 2019
कांग्रेस से कम काला नहीं है फेसएप्प का इतिहास
रूस में एक Wireless Lab नाम की कंपनी है। उसी कंपनी का बनाया एप्प है FaceApp. ये कोई नया एप्प नहीं दो साल पुराना है। शुरुआत में तो इसमें फ़ोटो को हॉट बनाने का ऑप्शन भी दिए गए थे। लेकिन हॉट बनाने के नाम पर ये एप्प सिर्फ़ चेहरे के रंग को गोरा करता था। जिसके लिए पनी पर रेसिज्म यानि ‘रंग-भेद’ का आरोप लगा था। फिर कंपनी को माफ़ी मांगनी पड़ी थी। अब ये दुनिया के करोड़ो लोगों के लिए किसी वर्चुअल आपदा से कम नहीं हो सकती।
इसलिए हम तो यही कहेंगे की आप बेशक़ बूढ़े होइए। लेकिन उम्र पाकर, तजुर्बा लेकर। प्राकृतिक रूप से। क्योंकि टेक्नोलॉजी ने इंसान को आधा बूढ़ा तो वैसे ही बना दिया है। और हम तो ऐसे देश में रहे है यार जहां कई लोग तो लोग ज़ल्दी से मानते ही नहीं की वो बूढ़े हो चुके हैं। जिसे हमारे सलमान खान, शाहरुख़ खान अजय देवगन, अक्षय कुमार और अनिल कपूर। हाँ सबसे जवान तो हमारी सबसे बुज़ुर्ग पार्टी के लाडले नेता हैं। श्रीमान राहुल गांधी जो 49 साल की अवस्था में अपने आप को युवा मानते हैं और देश का युवा है कि बूढ़ा होने चला है।