राजस्थान सरकार जल्द ही अपने राज्य के कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन कमीशन का एलान करने वाली है। सरकार के सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को दीवाली के त्यौहार पर सातवें पे कमीशन उपहारस्वरुप दे सकती है।
राजस्थान सरकार द्वारा विधानसभा में सातवें पे कमीशन पर बिल जल्द ही पास हो सकता है। इन संभावनाओं को इस बात से बल मिलता है कि राज्य वित्त विभाग के एसीएस डीबी गुप्ता ने सातवें वेतनमान पर दी जाने वाली सुविधाओं के लिए अपने अफसरों को नए राजस्व स्रोत तलाशने के आदेश दिए है। इस प्रक्रिया में विभागीय एसीएस गुप्ता ने भी कुछ सुझाव दिए हैं। गुप्ता ने राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी के लिए राज्य में बेकार पड़ी सरकारी सम्पत्ति को बेचने के लिए कहा। इसके अलावा राज्य में नगर-निगम और परिषदों द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में कोलोनाइज़ेशन किये हुए क्षेत्रों में सरकारी ज़मीन को बेचने की राय दी है। इस तरह सातवें वेतनमान के निर्धारण के लिए राज्य सरकार की यह गठित कमेटी आगामी 15 अगस्त तक सरकार को अपनी फ़ाइनल रिपोर्ट दे देगी। इस तरह अभी से चरण-दर-चरण काम करते हुए राजस्थान सरकार वर्तमान वर्ष के सितंबर से अक्टूबर माह के बीच वेतन कमीशन का ऐलान कर सकती है।
केंद्र सरकार के साथ देश के दस राज्य सातवें वेतन कमीशन का ऐलान कर चुके है:
भारत सरकार ने गत वर्ष 1 जनवरी 2016 से ही अपने कर्मचारियों को सातवे वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन बढ़ाकर देना शुरू कर दिया था। वर्तमान में केंद्र के अतिरिक्त दस और राज्य सातवें वेतन आयोग का बिल पास कर चुके है। इनमें उत्तर-प्रदेश, मध्य-प्रदेश, आसाम, गोवा, गुजरात, ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक सम्मिलित है। उत्तर प्रदेश, गुजरात, झारखंड और मध्यप्रदेश ने तो केंद्र सरकार के साथ ही अपने कर्मचारियों को एक जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ दिया है। शेष अन्य राज्यों में सातवें वेतन आयोग का लाभ अक्टूबर 2016 से लेकर अप्रेल 2017 की अवधि में लागू किया गया है। दक्षिण-पूर्वी तटीय राज्य ओडिशा में अक्टूबर 2016 से सातवां वेतन कमीशन लागू किया गया। आंध्रप्रदेश में अभी तीन माह पहले एक अप्रेल 2017 से लागू हुआ। हालांकि इन सभी राज्यों में कर्मचारियों की वास्तविक वेतन वृध्दि एक जनवरी 2017 से की गई।
वेतन में होगी मनचाही बढ़ोतरी:
यदि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें राज्य में हूबहू रूप में लागू होती है, तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के हर महीने का वेतन 17500 रुपए की जगह 19 हजार रुपए के करीब हो जायेगा। द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों को अभी जहाँ लगभग साढ़े 33 हजार रुपए महीना मिलता है। सातवां वेतन लगने के बाद यह करीब 36000 रुपए महीना हो जायेगा। इसी तरह से आरएएस अधिकारी का वेतन 52 हजार रुपए से बढ़कर करीब 60 हजार रुपए महीना हो जाएगा।
आसान नहीं है सातवां वेतन आयोग लागू करना, राज्य पर आएगा आर्थिक भार:
अपने कर्मचारियों की ख़ुशी के लिए सातवां वेतन आयोग लागू करने वाले हर राज्य पर इसका आर्थिक भार पड़ेगा। अगर राजस्थान की बात करें तो प्रदेश में करीब साढ़े छह लाख कर्मचारी और पौने चार लाख पेंशनर्स है। इन सभी को नए पे कमीशन के अनुसार वेतन देने के लिए प्रदेश को कुल 7000 करोड़ रूपए की व्यवस्था करनी होगी।
वर्तमान स्थितियों में राज्य सरकार अपने कार्यरत कर्मचारियों के वेतन के लिए 34 हजार करोड़ रूपए सालाना का भुगतान करती है। इसी के साथ सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन पर 13 हजार करोड़ रुपए सालाना का खर्च राजस्थान सरकार करती है। अब सातवें वेतन आयोग के अनुसार कर्मियों को वेतन का भुगतान करना राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भारी हो सकता है।