आज ईद का मुबारक दिन है। इस उपलक्ष में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे और विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल सहित अन्य ने प्रदेशवासियों को ईद-उल-जुहा की दिली मुबारकबाद दी है। साथ ही सभी को नेकी की राह पर चलने, भाईचारे और प्रेम के साथ रहने तथा देश के लिए अपना सर्वस्व समर्पित करने का संदेश दिया है। प्रदेशवासियों को अपना संदेश देते हुए विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा, ‘आज का दिन हजरत इब्राहिम के महान बलिदान की याद दिलाता है तथा हमें अच्छाई और सच्चाई की राह पर चलने की सीख देता है।’
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने इस मुबारक मौके पर सभी प्रदेशवासियों ने देश-प्रदेश की खुशहाली की दुआ करने आ आह्वान किया है। अपने संदेश में उन्होंने पर्व की बधाई देते हुए कहा, ‘ईद-उल-जुहा हमें नेकी की राह पर चलने, भाईचारे और प्रेम के साथ रहने तथा देश के लिए अपना सर्वस्व समर्पित करने की प्रेरणा देता है।’
इनके अतिरिक्त विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह, सरकारी मुख्य सचेतक कालू लाल गुर्जर एवं सरकारी उप मुख्य सचेतक मदन राठौड़ ने भी प्रदेशवासियों को ईद-उल-जुहा पर मुबारकबाद दी है।
मीठी ईद के ठीक 70 दिन बाद ईद-उल-जुहा मनाया जाता है। बकरीद पर्व का मुख्य उद्देश्य लोगों में जनसेवा और अल्लाह की सेवा के भाव को जगाना है। ईद-उल-ज़ुहा (बकरीद) का यह पर्व इस्लाम के पांचवें सिद्धान्त हज को भी मान्यता देता है। ईद-उल-ज़ुहा (बकरीद) के दिन मुस्लिम समुदाय किसी जानवर जैसे बकरा, भेड़, ऊंट आदि की कुर्बानी देते हैं। बकरीद के दिन कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक खुद के लिए, दूसरा स्वयं एवं सगे-संबंधियों के लिए और तीसरा गरीबों के लिए। ईद उल फितर की तरह ईद-उल-ज़ुहा में भी ज़कात—दान देना अनिवार्य होता है ताकि खुशी के इस मौके पर कोई गरीब महरूम ना रह जाए।
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