कोटा. सरकार की हठधर्मिता से जनता को चिकित्सकों के आंदोलन से 2 हफ्ते बाद भी कोई राहत नहीं मिल रही। रविवार को धरना स्थल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरएसएस द्वारा बरगलाने के आरोप की घोर निन्दा की और इसे चिकित्सक जैसे प्रबुद्ध वर्ग के लिए एक अपमानजनक टिप्पणी बताया। चिकित्सकों ने कहा कि ऐसे अनर्गल आरोपों से वार्ता का माहौल बनने की जगह और बिगड़ेगा और किसी समझौते पर पहुंचना मुश्किल होगा। उन्होंने व्यापक जनहित में मुख्यमंत्री को ऐसे निराधार आरोपों से बचने की सलाह दी।

धरना स्थल पर हुई सभा में चिकित्सकों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि सरकार अपने संसाधनों से अपने संस्थानों में नागरिकों का स्वास्थ्य का अधिकार दे तो पूरे चिकित्सक समुदाय को खुशी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी चिंता इस बिल में बिना सहमति के निजी अस्पतालों को जबरदस्ती शामिल किए जाने पर, एक तरफा पारिश्रमिक और पुनर्भरण राशि तय किए जाने पर, सरकार के ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए पुनर्भरण के तौर-तरीकों पर, स्वास्थ्य प्रदाता संस्थान और अभीहित चिकित्सा संस्थान, इमरजेंसी आदि की परिभाषा पर, प्राधिकरण के गठन और तौर-तरीकों पर और शुभेच्छा के नाम पर प्राधिकरण और सरकार को वाद अभियोजन से संगठन प्रदान करने पर है। चिकित्सकों द्वारा सरकार से इन सब बातों का संज्ञान लिए जाने और विधेयक में उचित संशोधन किए जाने की मांग की गई। यह स्पष्ट रूप से बताया गया कि विधेयक में परिवर्तन के बिना इन सब चिंताओं को सिर्फ नियमों में समायोजित करने पर सहमति नहीं है।

चिकित्सकों का अनशन जारी, स्वास्थ्य परीक्षण किया

डॉ आलोक गर्ग तीसरे दिन भी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे रहे सुबह सभी चिकित्सक समुदाय ने उनका अभिनंदन किया और सेहत की जानकारी ली गई साथ ही मेडिकल कॉलेज के दल ने भी उनका चिकित्सा परीक्षण किया। रविवार को डॉ. प्रवीण झा भी अनशन पर रहे। चिकित्सकों द्वारा उनका भी सम्मान किया गया वहीं शहर के शिशु रोग विशेषज्ञों ने भारतीय शिशु अकादमी के अध्यक्ष डॉ. सुरेश लालवानी के नेतृत्व में धरना स्थल की व्यवस्थाएं और मोर्चा संभाला और आगंतुक समाज बंधुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।

डॉक्टर्स के परिजनों ने रैली निकालकर आरटीएच बिल का किया विरोध

आरटीएच बिल को लेकर कोटा में लम्बे समय से चल रहा धरना रविवार को भी जारी रहा। कई चिकित्सक अनशन पर बैठे रहे। ऐसे में चिकित्सकों ने बिल को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया कि आरटीएच बिल को किसी भी सूरत में चिकित्सक मानने वाले नहीं है। आरटीएच के विरोध में रविवार को कोटा में चिकित्सकों के परिजनों ने रैली निकाली और इस बिल का तीखा विरोध किया। जहां बच्चे रैली में शामिल हुए वहीं वृद्धों का जोश भी बरकरार रहा। परिवार के सदस्यों ने एक स्वर में कहा नो आरटीएच, ये बिल किसी भी सूरत में स्वीकार योग्य नहीं है। सरकार को चिकित्सकों के साथ आमजनता की भी परवाह नही है।

चिकित्सक 15 दिन से धरने पर बैठे हैं लेकिन समस्या का समाधान अभी तक नहीं निकाला गया है। रैली के माध्यम से सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए गए। रैली स्वाभिमान चौक से विज्ञान नगर होते हुए पुन: स्वाभिमान चौक पहुंचेगी। इस रैली में जहां बच्चे अपने हाथों से पेंटिंग बनाकर लाए और विरोध दर्ज कराया और अपनी पेंटिंग के माध्यम से सरकार को सीधा मैसेज दिया कि सरकार डॉक्टर्स को परेशान नहीं करें। जब निजी क्षेत्र में ही सरकार का दखल होगा तो कोन से क्षेत्र में कार्य किया जाएगा।

रैली स्वाभिमान चौक विज्ञान नगर से प्रारंभ होकर, बृजवासी मिष्ठान के सामने से होते हुए विज्ञान नगर तिराहा, यहां से पुन: आईएल चौराहे पर आ कर खत्म हुई। वहीं रात्रि को भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमें भगवान से प्रार्थना की गई की इस समस्या का समाधान शीघ्र निकाला जाए ताकी आमजन को राहत मिल सके। जन विरोधी बिल के विरोध में 4 अप्रैल 2023 को महारैली का आयोजन जयपुर में किया जा रहा है। इस रैली में कोटा से हजारों की संख्या में चिकित्सक, उनके परिवारजन व चिकित्सकर्मी भाग लेंगे।