राजस्थान सरकार ने हाल ही में विद्यार्थियों की मांग पर प्रदेश के सभी कॉलेजों में ड्रेस कोड यूनिफॉर्म लागू करने की घोषणा की थी। अब विद्यार्थियों की मांग पर ही इसमें संशोधन किया है। अब से कॉलेजों में ड्रेस कोड जरूरी नहीं होगा। लेकिन यह फैसला कॉलेज प्रशासन और विद्यार्थियों पर निर्भर है कि वह क्या चाहते हैं।
इस बारे में राजस्थान की उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने उदयपुर में एक अधिकारिक घोषणा करते हुए बताया, ‘सरकार ने पूर्व में विद्यार्थियों की मांग पर कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने की घोषणा की थी। कॉलेज आयुक्तालय के संशोधित आदेश के अनुसार कॉलेज प्रशासन और विद्यार्थियों पर निर्भर है कि वह अपने यहां यूनिफॉर्म लागू करना चाहते हैं या नहीं। राज्य सरकार की ओर से इस तरह की कोई बाध्यता नहीं है।’
इससे पहले आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा राजस्थान जयपुर की ओर से जारी किए गए आदेश में यह साफ कहा था कि कॉलेज व्याख्याताओं और छात्रसंघ प्रतिनिधियों से वार्ता कर ड्रेस का रंग फाइनल कर 12 मार्च तक रिपोर्ट आयुक्तालय भेजनी होगी। उदयपुर के ही कुछ विद्यार्थियों ने कॉलेज में ड्रेस कोड लागू करने की मांग उठाई थी। हालांकि प्रदेश के कई कॉलेजों में ड्रेस कोड पहले भी लागू था और अभी भी है। खासतौर पर बी.टेक और एमबीए कॉलेजों में ड्रेस कोड मौजूद है। कई प्राइवेट कॉलेजों में भी ड्रेस कोड जरूरी रखा गया है लेकिन सरकार की ओर से इस बारे में कोई दिशा निर्देश नहीं रहे हैं। अब यह पूरी तरह से कॉलेज प्रशासन और विद्यार्थियों की इच्छा पर निर्भर करेगा।
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