द्रव्यवती नदी के अब अच्छे दिन आने वाले हैं। नदी के सौंदर्यीकरण के लिए टाटा ग्रुप डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाकर दे चुका है। इस पर डीपीआर तैयार कर ही नदी के सौंदर्यीकरण का काम शुरु हो गया है।
सोडाला के स्वेज फार्म, गुर्जर की थड़ी, श्याम नगर, सुशीलपुरा, जनता नगर रांकड़ी, मेहनत नगर, रावलजी का बंधा और एनबीसी फैक्ट्री के पास से होकर निकलने वाले अमानीशाह नाला जिनको हाईकोर्ट की ओर से द्रव्यवती नदी घोषित किया गया। वर्तमान में राजस्थान सरकार जेडीए के सहयोग से इस नाले के सौन्दर्यीकरण का कार्य बड़ी जोर शोर से किया जा रहा है।
ली जा रही है शंघाई के विशेषज्ञों की भी मदद
बरसात के मौसम में शहर को हमेशा बाढ़ से बचाने वाले अमानीशाह नाले की दुर्दशा अब अधिक दिन तक नहीं रहेगी। जेडीए ने नदी के सौंदर्यीकरण के लिए टाटा ग्रुप को डीपीआर बनाने का काम सौंपा था, जिसको अब अमल में लाया जा चुका है। इसके लिए कुछ दिनों पूर्व ही ग्रुप शंघाई के कुछ विशेषज्ञों के साथ साइट विजिट के बाद डीपीआर रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को सौंप दी गई थी। शंघाई के इन विशेषज्ञों के साथ ही ग्रुप शंघाई सहित कई देश और विदेश में कई नदी और नालों को सौंदर्यीकरण कर चुका है। स्थानीय कर्मचारियों ने बताया कि नदी की डीपीआर रिपोर्ट मई के अंत तक तैयार हो गई थी। इसी सिलसिले में टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के एमडी पिछले दिनों जेडीसी से मुलाकात कर चुके थे।
मुख्यमंत्री राजे के निर्देशों पर स्विस चैलेंज तकनीक से हो रहा हैं नदी का निर्माण
वहीं ग्रुप ने रिपोर्ट तैयार करने से पहले मुख्यमंत्री राजे को भी प्रजेंटेशन दिखाया था, जिसके बाद नाले के सौन्दर्यीकरण का काम शुरू हो सका। स्विस चैलेंज के तहत सौंदर्यीकरण ग्रुप की ओर से डीपीआर तैयार होने के बाद जेडीए स्विस चैलेंज के तहत नदी का सौंदर्यीकरण करवाया जा रहा है। जेडीए अधिकारियों के मुताबिक ऐसे प्रयास किए हैं, जिससे 45 किलोमीटर लंबी इस नदी में कुछ जगह जहां हर समय पानी रह सके। नदी में घरेलू और इंडस्ट्रियल ईफ्लैंट का भी ट्रीटमेंट करने की प्लानिंग की गई है।
सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के पूर्ण होने के बाद सोडाला के स्वेज फार्म, गुर्जर की थड़ी, श्याम नगर, सुशीलपुरा, जनता नगर रांकड़ी, मेहनत नगर, रावलजी का बंधा और एनबीसी फैक्ट्री के आस पास का नजारा अहमदाबाद की साबरमती नदी के तट के समान आकर्षक हो जाएगा।