प्रदेश के निजी घरों या आवासीय भूखण्डों में बने आवासों में चल रहे पीजी-हॉस्टल मालिकों को डिस्कॉम ने एक बड़ी राहत दी है। अब इन सभी पर बिजली की घरेलू दरों से ही बिल वसूला जाएगा। इस संबंध में सभी डिस्कॉम के लिए फैसला लिया जा चुका है। पूर्व में लागू घरों में संचालित हॉस्टल आदि में विद्यार्थियों को 5 से अधिक कमरे किराए पर देने पर अघरेलू दर (कॉमर्शियल) की शर्त को भी समाप्त कर दिया गया है।
विद्युत वितरण निगम के अध्यक्ष आर.जी.गुप्ता ने जानकारी दी कि आवासीय भूखंडों पर निर्मित आवासों में संचालित हॉस्टल, जिनमें विद्यार्थी पेइंग गेस्ट या किराएदार के रूप में रहते हैं और ऐसे आवासें में मीटर व सब-मीटर लगे हुए हैं तथा इनका उपयोग घरेलू श्रेणी में ही किया जा रहा है, ऐसे हॉस्टलों पर अब घरेलू विद्युत दर ही लागू होगी।
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उन्होंने बताया कि राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग द्वारा फरवरी, 2015 में जारी टैरिफ आदेश के प्रावधानों के अनुसार फरवरी, 2015 से सरकारी अथवा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों तथा पंजीकृत धर्माथ संस्थानों द्वारा संचालित छात्रावास घरेलू श्रेणी के अन्तर्गत एवं अन्य छात्रावास अघरेलू श्रेणी के अन्तर्गत आते हैं। इन प्रावधानों को लागू करने में आ रही कठिनाईयों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
हाल ही में राजस्थान के टीएसपी क्षेत्र में निवास करने वाले बीपीएल परिवारों को प्रदेश सरकार की ओर से हर महीने 50 यूनिट घरेलू बिजली मुफ्त दी जाएगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने प्रतापगढ़ में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा विश्व आदिवासी कल्याण दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को सम्बोधित करते हुए की है। इसके साथ एक हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों कों ऑन डिमांड कृषि कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा।
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