अपनी 18 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 12 दिनों से हड़ताल पर चल रहे डॉक्टर्स और राजस्थान सरकार के बीच खींचतान पूरी तरह खत्म हो गई है। बुधवार को राजधानी के झालाना स्थित सीफू कार्यालय में चिकित्सा संघ और सरकार के बीच हुई वार्ता को सकारात्मक रूख देते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी और डॉ. अजय चौधरी ने सम्मति से हड़ताल खत्म करने की घोषणा की। साथ ही गुरूवार यानि आज से सभी सेवारत चिकित्सकों सहित रेजीडेंट के अस्पतालों में वापिस लौटने को कहा। सुलह वार्ता में डॉक्टर्स की करीब-करीब सभी मांगें मान ली गई हैं। साथ ही हड़ताली दिनों को सीएल-पीएल में शामिल करने पर भी हामी भरी गई है। एकल पारी में कार्य करने की मांग को मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे पर छोड़ा जाने पर स्वीकृति बनी है।
पिछले बार हुई समझौता वार्ता की तरह इस बार भी कई बार वार्ता विफल होती नजर आई। सुबह करीब 12.30 बजे से शुरू हुई सुलह वार्ता रात 8.30 बजे जाकर समाप्त हुई। 8 घंटे चली इस वार्ता के दौरान 5 बार समझौता पत्र तैयार हुआ। तब कहीं जाकर सहमति बन पाई। समझौते पत्र में चिकित्सकों सहित रेजीडेंट की सभी 30 मांगों पर सहमति बन गई है। रेजीडेंट डाक्टर्स की सभी मांगों को मान लिया गया है। गुरूवार से हड़ताल पर गए सभी डॉक्टर्स व रेजीडेंट का अस्पतालों में आना लगातार जारी है जिससे मरीजों ने चैन की सांस ली है। पिछले 12 दिनों से प्रदेशभर में चिकित्सा व्यवस्था ठप हो चुकी थी और सैंकड़ों आॅपरेशन टाले जा चुके थे।
चिकित्सक संघ और सरकार के बीच हुई इस सुलह वार्ता में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी के साथ चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, राज्य चिकित्सा मंत्री बंसीधर बाजीया, सार्वजनिक निर्माण विभाग के मंत्री यूनुस खान, सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक, प्रमुख शासन सचिव वीनू गुप्ता, चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी, चिकित्सा शिक्षा सचिव आनंद कुमार सहित चिकित्सा संघ के पदाधिकारी व रेजीडेंट नेतागण मौजूद रहे।
समझौता पत्र में मानी यह बातें —
- चिकित्सकों के हड़ताल वाले दिनों को (पिछले और अभी के सहित) उपार्जित अवकाश में बदला जाएगा।
- रेस्मा में दर्ज मुकदमें वापस होंगे। साथ ही चिकित्सकों पर की जा रही प्रशासनिक कार्रवाई वापस ली जाएगी।
- डॉ. अजय चौधरी का तबादला करौली के स्थान पर सीकर किया जाएगा। अन्य 11 डॉक्टर्स के तबादले का फैसला बाद में होगा
- उपनिदेशक राजपत्रित की जगह डॉक्टर की नियुक्ति की जाएगी।
- डीएसीपी संबंधी आदेश विरोधाभास पाए जाने की स्थिति में इसका परीक्षण केबीनेट सब कमेटी में होगा।
- 12 नवम्बर को हुए समझौते को उसी तरह लागू किया जाएगा।
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