फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती देशभर में विरोध का मुद्दा बनती जा रही है। खासकर राजस्थान में करणी सेना सहित राजपूत समाज इस फिल्म का पूरजोर विरोध कर रहे हैं। पद्मावती में चित्तौड़ की महारानी पद्मावती और मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलाजी के बीच दिखाए गए प्रेम प्रसंग को राज्यभर में जमकर विरोध हो रहा है। राजपूतों का नेतृत्व करते हुए जयपुर राजपरिवार की दीया कुमारी शहर के अराध्यदेव गोविंददेवजी की दीवार पर पद्मावती फिल्म में राजपूती मर्यादा को कूचने जाने और फिल्म की रिलीज रोकने की मांग पर हस्ताक्षर अभियान चला रही हैं।
राजूपतों का नेतृत्व और फिल्म का विरोध सब को समझ में आता है लेकिन जब पद्मावती की शुटिंग जयपुर के जयगढ़ में हुई थी, उस समय दीया कुमारी की चुप्पी समझ से बिलकुल परे है। उस समय इस फिल्म की शुटिंग निश्चित तौर पर राजपरिवार की सहमति के बाद ही दी गई होगी। यहां तक की भंसाली इस फिल्म में क्या फिल्मा रहे हैं और क्या दिखाना चाहते हैं, इस बात की खबर भी दीया कुमारी को रही होगी। शुटिंग के दौरान फिल्म की क्रू टीम पर करणी सेना के हमले के बाद भी दीया कुमारी का कोई स्पष्ट स्टेटमेंट न आना भी इस इसी बात को पक्का करता है। लेकिन अब दीया कुमारी का इस तरह पद्मावती के विरोध में राजपूतों का नेतृत्व करना समझ में नहीं आ रहा है।
दीया कुमारी का पद्मावती फिल्म का विरोध इसलिए भी समझ में नहीं आ रहा है कि इस फिल्म की जयगढ़ में शुटिंग के लिए राजपरिवार और दीया कुमारी ने लाखों रूपए रोजाना के हिसाब से भुगतान भी लिया होगा। अब जब किसी के घर में शुटिंग हो और उसे फिल्म की कहानी एवं उससे जुड़े मुद्दों तक का पता न हो, ऐसा होना स्वाभाविक नहीं है। अगर एक बार यह मान भी लिया जाए कि उन्होंने इस फिल्म शूट के पैसे नहीं लिए होंगे तो भी ऐसा कैसे हो सकता है कि उन्हें राजपूत मर्यादा के इस फिल्म में कुचले जानेभर की भनक न हो।
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वैसे अगर देखा जाए तो अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव में जीतने या फिर पॉपुलर्टी के लिए किसी न किसी मुद्दे का होना भी जरूरी है। कहीं ऐसा तो नहीं कि दीया कुमारी आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए ही कुछ ऐसा करने जा रही हो। ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि दीया कुमारी सभी की नजरों में आना चाहती हो और इसी मुद्दे की वजह से भाजपा पार्टी से फिर एक बार टिकट की दावेदारी जता रही हो। अब जो भी हों, विडंबना यह है कि यह सभी बातें सभी राजपूतों के मन में तो हैं लेकिन कुछ कर नहीं सकते। इसकी वजह है कि दीया कुमारी राजपूताना घराने की संरक्षक हैं। अब देखना यह है कि राजपूत जयपुर राजघराने में हो रही इस हलचल को कब तक समझ पाते हैं।
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