राजस्थान के सभी जिलों में चल रहे राजस्व लोक अदालत-न्याय आपके द्वार अभियान के चौथे चरण में ग्रामीणों के कई बरसों पुराने विवादों को विराम मिल रहा है। इससे न केवल परिवार बल्कि सुलह कराने वाले भी जमकर प्रदेश सरकार के इस अभियान और मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे का आभार प्रकट करने से पीछे नहीं हट रहे। इस कड़ी में एक सफलता की कहानी है जयपुर के दूदू तहसील के सांवली गांव की। यहां एक परिवार के कई पक्षकारों के बीच गत 39 वर्षों से चल रहे विवाद का सुलह और समझाईश से निपटारा न्याय आपके द्वार शिविर में मिनटों में हो गया।
क्या है मामला
गांव सांवली के कानसिंह ने अपने जीवनकाल में अपने पुत्र मांगसिंह को अपनी खातेदारी भूमि में से उसका हिस्सा दे दिया था। बाद में 1979 में कानसिंह का स्वर्गवास हो जाने के कारण विरासत का नामांतरण उसके तीनों पुत्रों रेवतसिंह, मांगसिंह व घीसूसिंह के नाम खोला गया। रेवतसिंह व घीसूसिंह ने अपने भाई मांगसिंह के नाम विरासत से प्राप्त भूमि को दोनों के नाम करवाने के लिए कहा इस पर उनमें विवाद पैदा हो गया। यह विवाद वर्ष 1979 से चला आ रहा था। इस विवाद के चलते रेवतसिंह व मांगसिंह का भी देहावसान हो गया था।
उपखंड अधिकारी ने बनाई सहमति
राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे राजस्व लोक अदालत-न्याय आपके द्वार अभियान के चौथे चरण में ग्राम सांवली में जब शिविर का आयोजन हुआ तो यह मसला कैम्प प्रभारी व दूदू के उपखण्ड अधिकारी के समक्ष आया। उन्होंने पूरे प्रकरण के तथ्यों की जानकारी लेने के बाद सभी पक्षकारों से कैम्प में समझाईश की, जिससे विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने की सहमति बन गई, लेकिन सांवली के शिविर में दिवंगत खातेदारों के सभी वारिस कैम्प में उपस्थित नहीं थे। ऐसे में शिविर प्रभारी ने ग्राम पंचायत झाग में होने वाले शिविर में सभी को उपस्थित रहकर विवाद का आपसी प्रेम एवं शांति से निपटारा कराने की पहल की। इसके बाद झाग में मंगलवार को आयोजित न्याय आपके द्वार के शिविर में सभी वारिस एवं पक्षकार उपखण्ड अधिकारी के समक्ष उपस्थित हुए। इस पर उन्होंने धारा 88 के तहत आपसी सहमति के आधार पर प्रकरण तैयार करने के निर्देश दिए।
मौके पर सुलझा विवाद
इसके बाद वाद डिक्री कर विवाद को सुझलाते हुए मौके पर ही कार्यवाही की गई। इससे सभी पक्षकारों एवं कैम्प में बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार के इस महत्वाकांक्षी अभियान की सराहना करते हुए कैम्प में मौजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आभार जताया।
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