भारतीय कम्पनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई ) के बीकानेर चैप्टर द्वारा केंद्रीय बजट पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया।इस परिचर्चा में कीनोट स्पीकर के रूप में सुप्रसिद्ध चार्टर्ड एकाउन्टेंट जेडी चूरा ने बजट के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के प्रावधानों पर प्रकाश डाला।उनका कहना था कि बजट में जो आयकर छूट की सीमा बढाई गयी है वह स्वागतयोग्य कदम है। लेकिन वर्षों बाद बढाई गयी यह सीमा मुद्रास्फीति को देखते हुए काफी नहीं है। उन्होंने आयकर के प्रावधानों में किये गए परिवर्तनों पर गहन अध्ययन की आवश्यकता पर बल दिया।
चैप्टर के चेयरमैन सीएस सुरेंद्र हर्ष ने परिचर्चा की रूपरेखा बतलाई और बजट के समग्र प्रभावों पर प्रकाश डाला। परिचर्चा में चेप्टर के पैटर्न प्रोफेसर डॉ. अजय जोशी ने बजट में आर्थिक साक्षरता और विवेशक सरंक्षण की दिशा में किये गए प्रावधानों पर चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाने बहुत जरूरी है इसके अभाव में वें धोखाधड़ी का जल्दी शिकार हो जाती है। इस अवसर पर सीए मदन मोदी ने बजट में विनियोग संबंधित कर प्रावधानों की चर्चा की। सीए चन्द्रकला आचार्य ने बजट में महिलाओं के बचत और निवेश संबधित प्रावधानों की चर्चा की।
प्रोफेसर अशोक व्यास और डॉ बिट्ठल पुरोहित ने बजट आर्थिक प्रावधानों की समीक्षा की।सीएस आनंद चूरा ने एमएसएमइ क्षेत्र के कानूनी प्रावधानों और प्रेम प्रकाश खंडेलवाल ने बजट की सरकारी ऋण योजनाओं की समीक्षा की। सेमिनार में राधा शर्मा चैप्टर प्रभारी महेश स्वर्णकार और बलभेष व्यास ने भी सहभागिता की। संचालन सीएस अंकिता करनानी ने किया।