जयपुर। राजस्थान के करौली में हुई हिंसा के मामले में अशोक गहलोत सरकार लगातार विपक्षी पार्टी बीजेपी के निशाने पर है। इसी बीच जोधपुर विद्युत विभाग की ओर से रमजान को लेकर जारी एक सर्कुलर को लेकर सियासत गरमाने लगी है। इस सर्कुलर के मुताबिक, रमजान महीने में गर्मी के मौसम को देखते हुए मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में बिजली कटौती नहीं करने की बात कही गई है। ये आदेश जारी होते ही राजस्थान में सियासी पारा गरमा गयौ बीजेपी ने इन आदेशों का विरोध करना शुरू कर दिया हैै वहीं सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है।

सरकार को केवल रमजानियों की चिंता
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्या वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत सरकार पर हमला किया है। राजे ने ट्वीट किया कि प्रदेश में लोग सिर्फ़ रमज़ान ही नहीं रख रहे, भरी गर्मी में नवरात्रा व्रत और नवरात्रा उपवास भी कर रहें हैं। राज्य सरकार जवाब दे कि उसे सिर्फ़ रमजानियों की ही चिंता क्यों है, बाक़ी प्रदेशवासियों की क्यों नहीं? ये तुष्टिकरण और वोटों की राजनीति नहीं तो और क्या है?

नवरात्रि में हिंदुओं से भेदभाव क्यों?
डिस्कॉम के आदेश पर राजे ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए तुष्टीकरण की राजनीति करने वाला बताया। सवाल उठाया, इस माह में कई हिन्दु व जैन पर्व भी हैं तो एक विशेष समुदाय के पर्व का ही जिक्र क्यों। आपको मजहब से ऊपर उठकर राजस्थान और राजस्थानियों की बात करनी चाहिए। कांग्रेस को पक्षपात का रवैया छोड़कर सबके भले के लिए काम करना चाहिये। अन्यथा समय आने पर जनता ऐसे आदेशों का जवाब ज़रूर देगी।

रमजान के महीने में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में नहीं कटेगी बिजली
आपको बता दें कि राजस्थान में रमजान के महीने में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में बिजली कटौती नहीं की जाएगी। इसको लेकर विद्युत वितरण कंपनियों ने आदेश जारी कर दिये हैं। आदेश में कहा गया है कि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रमजान के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति की जाए। इसको लेकर हाल ही में मंत्री जाहिदा खान ने अशोक गहलोत सरकार के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी को लिखा पत्र था। उसके बाद ऊर्जा मंत्री भाटी के निर्देश पर तीनों बिजली वितरण कंपनियों ने इसके आदेश जारी कर दिये हैं। इस मामले को लेकर प्रदेश में राजनीति गरमाने लगी है। रमजान के महीने में बिजली कटौती ना करने से जुड़े ये आदेश सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हो रहे हैं।