भारतीय सेना ने अमरनाथ यात्रियों पर बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिखाया है। सेना ने सर्च अभियान चलाकर स्नाइपर राइफल और बारूदी सुरंग बरामद की है, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जल्द से जल्द घाटी छोड़ने के निर्देश दिए है। जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव शालीन काबरा ने एडवाइजरी जारी कर अमरनाथ यात्रियों व पर्यटकों पर आतंकी हमले का खतरा बताया है। यात्रियों के वापस लौटने से सबसे ज्यादा नुकसान कश्मीर के पर्यटन व्यापार पर पड़ेगा। क्योंकि जम्मू-कश्मीर के लोगों के आय का मुख्य स्त्रोत पर्यटन ही है। ऐसे में अमरनाथ यात्रा रूकने व अन्य पर्यटकों के वापस लौटने से घाटी के लोगों पर रोजी-रोटी का संकट पड़ सकता है। साल में एक अमरनाथ यात्रा होती है लेकिन अब यात्रा के रूकने से यहां के स्थानीय व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
जम्मू-कश्मीर में डर का माहौल
सरकार की ओर से जारी इस सूचना के बाद यहां के निवासियों के मन में कई तरह की आशंकाओं का बाजार गर्म हो गया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पूरे राज्य में बेवजह दहशत का माहौल क्यों बनाया जा रहा है ? ट्वीट में उन्होंने कहा कि ”गुलमर्ग में ठहरे दोस्तों को वहां से हटाया जा रहा है। लोगों को पहलगाम और गुलमर्ग से निकालने के लिए बसें लगाई जा रही हैं। अगर यात्रा को लेकर खतरा है तो गुलमर्ग खाली क्यों कराया जा रहा है?”
Friends staying in hotels in Gulmarg are being forced to leave. State road transport Corpn buses are being deployed to bus people out from Pahalgam & Gulmarg. If there is a threat to the yatra why is Gulmarg being emptied?
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 2, 2019
महबूबा मुफ्ती ने पीएम के सामने हाथ जोड़कर की अपील
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि ”इस तरह की अफवाहें हैं कि सरकार आर्टिकल 35 ए और विशेष राज्य के दर्जे में बदलाव करने जा रही है। इस्लाम में हाथ जोड़ने की इजाजत नहीं है, फिर भी मैं प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि ऐसा ना करें।” महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार रात को अपने निवास स्थान पर आपात बैठक बुलाई जिसमें नेशनल क्रांफ्रेंस, पीपल्स कॉन्फ्रेंस और पीपल्स मूवमेंट के कई दिग्गज नेता शामिल हुए। बैठक के बाद मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर में मौजूदा हालातों से यहां के लोग डरे हुए हैं और इस तरह का खौफ मैंने आज से पहले नहीं देखा है। इन नेताओं ने बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मुलाकात कर घाटी में फैले डर व अफवाहों के बाजार को रोकने की अपील की।
After a brief discussion, we called on Shri Satyapal Malik ji, Governor J&K & requested him to dispel rumours that’ve caused a sense of panic in the valley. Thankful to Farooq sahab, @sajadlone,@imranrezaansari and @shahfaesal for their time today.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 2, 2019
घाटी में सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाने पर सरकार पर उठाए सवाल
महबूबा मुफ्ती ने केन्द्र सरकार द्वारा कश्मीर में 10 हजार से ज्यादा सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती करने के आदेश पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर घाटी में हालात बेहतर हुए हैं तो यहां सुरक्षाबलों की संख्या क्यों बढ़ाई जा रही है ?