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राजस्थान धीरे-धीरे डिजिटल प्रदेश के तौर पर देश में अपनी पहचान बनाने में जुट गया हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान को देश का अग्रणी डिजिटल प्रदेश बनाने की कवायदों में एक कवायद ओर शामिल की जा रही हैं। अब राजस्थान की कैबिनेट भी ई-डिजिटल होने जा रही हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान के नागरिको को डिजिटल बनाने से पहले 7 करोड़ लोगों का नेतृत्व करने वाले विधायकों, मंत्रियों व नेताओं को डिजिटल बनाएंगी ताकि राजस्थान अपने आप डिजिटल फोरम में तब्दील हो जाए। आपकों बता दे कि राजस्थान आंध्रप्रदेश के बाद पहला राज्य होगा जहां की विधायिका, कैबिनेट और कार्यपालिका डिजिटल होगी।

आंध्रप्रदेश देश का पहला ई-कैबिनेट वाला प्रदेश

आंध्रप्रदेश सवा दो साल पहले देश का पहला ई-कैबिनेट वाला स्टेट बना था। अब राजस्थान इस दिशा में पहल कर रहा है। प्रदेश की कैबिनेट मीटिंग पेपरलेस बनाने के लिए निर्देश सभी विभागों को जारी किए गए हैं। अगली कैबिनेट की मीटिंग के सभी एजेंडा पेपर फाइल की जगह इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजने की तैयारी की जा रही है। यह सफल होने पर राजस्थान देश का दूसरा ई-कैबिनेट वाला स्टेट बन जाएगा। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु ने सितंबर 2014 में ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू की थी।

कैसे होगा नई व्यवस्था में कैबिनेट का कार्य

नई व्यवस्था लागू होने पर कैबिनेट के लिए विभागों के माध्यम से एजेंडा आइटम कंप्यूटर के माध्यम से आएंगे। कोई भी एजेंडा बिंदू फाइल के माध्यम से स्वीकार नहीं किया जाएगा। कैबिनेट की मीटिंग में फाइल खोलकर मुख्यमंत्री द्वारा कैबिनेट मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श की जगह कंप्यूटर की फाइल के प्रिजेंटेशन के माध्यम से डिस्कशन होगा। स्वीकृत बिंदू कंप्यूटर पर ही टिक कर जारी किए जाएंगे। ई-कैबिनेट पर लॉग इन करके मंत्री कैबिनेट बैठक के एजेंडे, पिछली कैबिनेट के मिनट्स, कैबिनेट के फैसलों के क्रियान्वयन का स्टेट्स, सर्कुलेशन के जरिए मंजूरी के लिए आए हुए मामलों को आनॅलाइन देख सकेंगे। इसके बाद मंत्रियों को कैबिनेट एजेंडों की हार्ड कॉपी नहीं भेजी जाएगी।

विधानसभा के बाद कैबिनेट को इलेक्ट्रॉनिक करेंगे

राजस्थान विधानसभा की सारी कार्रवाई इलेक्ट्रॉनिक होने के बाद अब कैबिनेट की मीटिंग की प्रोसीडिंग्स को भी इलेक्ट्रॉनिक करने से सरकार की ज्यादातर कार्यप्रणाली पेपरलेस हो जाएगी। हर साल भारी मात्रा में कागज तो बचेगा ही, इसके अलाव इलेक्ट्रॉनिक डेटा चोरी होने तथा फाइलों के बाहरी व्यक्तियों के हाथ लगने की समस्या से भी निजात मिलेगा।

राजस्थान सरकार डिजिटल की दिशा में कर रही हैं नये प्रयोग

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान को डिजिटल बनाने की पहले 2008  में भामाशाह योजना से ही कर दी थी लेकिन सरकार बदलने के साथ ही योजना को भी बंद कर दिया गया था और राजस्थान फिर से डिजिटल क्षेत्र में पिछड़ गया। 2013 में राजस्थान के नागरिकों ने मुख्यमंत्री राजे को एक औऱ मौका दिया और राजे ने सत्ता संभालते ही राजस्थान को डिजिटल बनाने की पहल फिर से शुरु कर दी। मुख्यमंत्री भामाशाह योजना से राजस्थान के करोड़ो लोगों के बिना किसी कागजी कार्रवाई के पैसा मिल रहा हैं। आज मुख्यमंत्री राजे ने राजस्थान को कई दिशाओं में डिजिटलीकरण का अमलीजामा पहनाया हैं। राजस्थान सरकार की सभी योजनाओं का फायदा लाभार्थी को डिजिटलीकरण से ही मिल रहा हैं। राजस्थान के समग्र विकास में मुख्यमंत्री राजे का डिजिटलीकरण का विजन भी शामिल हैं।