हिंदू पंचांग में साल का सबसे बड़ा 5 दिवसीय प्रकाश और उल्लास का महापर्व दीपोत्सव का शुभारंभ सोमवार से हो गया है। आज आयुर्वेद के जनक और आरोग्य के देवता धन्वंतरि का जन्मदिवस यानि धनतेरस है। इस दिन जमकर खरीददारी की जाती है। अगर खरीददारी न भी हो तो भी इस दिन एक बर्तन खरीदकर जरूर घर लाना चाहिए। धनतेरस के दिन 43 साल बाद सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग बन रहा है। 27 साल बाद सोमहस्त योग बन रहा है। सुखद संयोग में किए गए कार्य निर्विघ्न संपन्न होकर सिद्धि देंगे। खरीदी गई वस्तुएं सुखद फल दात्री होंगी। धनतेरस के अवसर पर रात 10 बजकर 11 मिनट तक विश्वकुंभ योग रहेगा। उसके बाद प्रीति योग आरंभ होगा। विश्वकुंभ योग में धनतेरस पूजन आर्थिक मजबूती देने वाला है। जबकि प्रीति योग में पूजन सफलता, प्रेम और विकास के साथ आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करेगा।
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ये रहेंगे शुभ मुहूर्त
सोमवार को त्रयोदशी रात्रि 11.46 बजे तक रहेगी। इस दिन आरोग्य सुख के लिए धन्वन्तरीजी एवं धन के लिए कुबेर की आराधना करने का विधान है। सांयकाल यमराज को आटे का चौमुखा दीप दान कर अकाल मृत्यु से रक्षा की प्रार्थना की जाती है। जनमानस में धारणा है कि इस दिन किसी भी वस्तु का क्रय शुभ मुहूर्त में करना शुभ रहता है।
खरीदारी के चौघड़िये
शुभ मुहूर्त
प्रात: 09:22 से 10.43 बजे तक शुभ चौघड़िया मुहूर्त।
दोपहर 1:27 से रात्रि 7.09 बजे तक चर, लाभ, अमृत एवं चर।
अमृत: सुबह 6:43 बजे से 8:45 बजे तक
शुभ: सुबह 9:27 बजे से 10:48 बजे तक
चर: दोपहर 1:32 से 2:54 बजे तक
लाभ: दोपहर 2:55 बजे से 4:15 बजे तक
अमृत: 4:16 बजे से शाम 5:37 बजे तक
चर: शाम 5:38 बजे से शाम 6:58 बजे तक
लाभ: रात 9:41 बजे से रात 11:01 बजे तक
चौघड़िया मुहूर्त
पूजन समय प्रदोषकाल एवं वृष लग्न में सांय 5.29 से रात्रि 7.09 बजे तक करना शुभ रहेगा।
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