बेटी पढाओं-बेटी बढ़ाओं की रीत पर काम करके राजस्थान सरकार ने आज अपने प्रदेश की बालिकाओं को समाज के हर क्षेत्र में संबलता प्रदान की है। बेटियों की शिक्षा को देश-समाज की उन्नति के लिए अनिवार्य मानकर इस दिशा में कार्यरत राजस्थान सरकार पिछले करीब चार सालों से एक ऐसी योजना को संचालित कर रही है, जो हमारी बालिकाओं को आगे पढ़ने और बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। राजस्थान सरकार की ”देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण / प्रोत्साहन राशि” नामक योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज में प्रवेश लेने वाली अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राओं को सरकार की ओर से स्कूटी दी जा रही है। इस योजना के द्वारा कॉलेज में प्रवेश लेकर आगे द्वितीय व तृतीय वर्ष में जाने पर छात्राओं को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
योजना के लिए पात्र बालिकाएं:
राजस्थान सरकार की इस योजना में अन्य पिछड़ा वर्ग की वे सभी बालिकाएं पात्र है, जिन्होंने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा 50% या इससे अधिक अंकों से उत्तीर्ण की है। जिनके परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रूपए या इससे कम है। योजना का लाभ आगे की कक्षाओं तक लेने के लिए आवश्यक है कि पात्र बालिका को स्नातक के सभी वर्षों में व स्नातकोत्तर के प्रथम व द्वितीय वर्ष में 55% से अधिक अंक प्राप्त हो।
सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएँ:
”देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण एवं प्रोत्साहन राशि” योजना के द्वारा सरकार कॉलेज शिक्षा के लिए प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाली अन्य पिछड़ा वर्ग की पात्र बालिकाओं को एक वर्ष के बीमा के साथ स्कूटी वाहन दिया जाता है। बालिका के द्वितीय व तृतीय वर्ष में जाने पर 10-10 हज़ार की वार्षिक प्रोत्साहन राशि दी जाती है। यदि पात्र बालिका स्नातकोत्तर में प्रवेश लेती है तो दो वर्ष तक उसे प्रतिवर्ष 20-20 हज़ार रूपए की प्रोत्साहन राशि इस योजनान्तर्गत दी जाती है।
योजना का उद्देश्य:
राजस्थान सरकार की इस योजना का उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमज़ोर एवं मध्यम वर्ग की बालिकाओं को उच्च शिक्षा की ओर प्रेरित करना है। इस दिशा में सरकार ने जहाँ कॉलेज में प्रवेश लेने पर स्कूटी से सम्मानित कर बालिका की घर से कॉलेज तक की राह को सुगम बनाया है। वहीँ अगली कक्षा में जाने पर प्रोत्साहन के रूप में नकद राशि देकर बालिकाओं को पढ़कर आगे बढ़ने का सम्बल प्रदान किया है।