मंगलवार को कनोडिया कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मीडिया से मुखातिब होते हुए जो बयान दिया है वो चर्चा में है। सचिन ने पत्नी सारा पायलट के अजमेर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर सारी बातों को खारिज करते हुए कहा कि उनके परिवार से कोई भी चुनाव नहीं लड़ेगा। सचिन के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा जोरों पर है। उनका मानना है कि ये बयान सीधे तौर पर सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कटाक्ष है। जिन्होंने अपने बेटे वैभव को लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी की है।
राजनीति में हर बयान के अलग अलग मतलब होते हैं। राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और पायलट की अदावत खुले तौर पर तो सामने नहीं आ रही थी। लेकिन, सूबे के दोनों मुखिया एक साथ कई कार्यक्रमों से नदारत जरूर थे। अब डेढ महीने बाद पायलट ने इस बयान के जरिये खुले तौर पर गहलोत खेमे सहित वैभव को चुनौती दी है। पायलट का ये बयान भले ही परिवारवाद के खिलाफ जरूर है लेकिन, उनका सीधा टारगेट सिर्फ गहलोत ही है।
गहलोत भी राज्य की राजनीति के जादूगर हैं। ऐसे में उनकी तरफ से कोई बयान पलटवार के तौर पर भले ही नहीं आया है लेकिन, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के इस बयान का खामियाजा उन्हें लोकसभा चुनाव में जरूर भुगतना पड़ सकता है।
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