जयपुर। दिल्ली के बाद अब राजस्थान के कई हिस्सों में प्रदूषण का प्रभाव बढ़ता जा रहा है और आकाश में बादलों के साथ साथ धुंध और धुआं नजर आ रहा है। जयपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर शनिवार के मुकाबले 19 बढ़कर रविवार काे 417 पर पहुंच गया। प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रदूषण अलवर के भिवाड़ी शहर में 500 एक्यूआई रहा। दूसरी तरफ दिल्ली में वायु प्रदूषण 708 एक्यूआई पर पहुंच गया। इससे पहले 6 नवंबर 2016 काे यह 497 तक पहुंचा था। जयपुर में औसत एक्यूआई 303 रहा इस कारण लोग करीब 14 सिगरेट जितना धुआं निगल रहे हैं। दिल्ली की तो हालत ज्यादा खराब है। रविवार को दिल्ली में औसत एक्यूआई 497 रहा, ऐसे में लोग एक दिन में 22 सिगरेट जितनी धुआं निगल रहे है।

सीएम गहलोत ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर जताई चिंता
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली और राजस्थान सहित पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए केन्द्र सरकार से इसका समाधान निकालने के लिए नेतृत्वकारी भूमिका निभाने को कहा। गहलोत ने रविवार को ट्वीट के जरिये कहा कि दिल्ली और राजस्थान सहित पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण का बढ़ता स्तर गंभीर चिंता का विषय है। लोग लंबे समय से पीड़ित हैं खासकर बच्चे और बुजुर्ग। यह एक स्वास्थ्य आपातकाल है, जिसे दिल्ली सरकार अकेले नहीं सुलझा सकती। केन्द्र सरकार को इसके समाधान का नेतृत्व करना होगा।

बारिश के बाद तापमान भी गिरा
अलवर में रविवार को भी दोपहर तक स्मॉग का असर चौतरफा नजर आया। दोपहर बाद बारिश से इसका असर कम हुआ। बारिश के बाद मौसम में हल्की ठण्डक बढ़ गई लेकिन, स्मॉग कुछ कम हो गया। बारिश के बाद विजिबिलिटी भी बढ़ी है। शनिवार को अलवर में एयर क्विालिटी इंडेक्स का स्तर केवल 131 था, जो रविवार को 78 पर आ गया। भिवाड़ी में दिन भर एयर क्वालिटी इंडेक्स अलवर से कई गुना अधिक रहा है। पिछले दो दिन की तुलना में अलवर में एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार आया है। दो दिन पहले अलवर का एक्यूआई 131 दर्ज किया गया था।

फसलों पर पड़ेगा असर
इस बारिश का फसलों पर भी असर पड़ेगा। अब रबी की फसल की बुआई चल रही है। सरसों की बुआई हो चुकी है। जिन खेतों में देरी से सरसों की बुआई की गई। वहां फसल बर्बाद होने की संभावना है लेकिन, जिन्होंने सरसों की बुआई पहले कर दी उनके फायदा है। गेहूं की बुआई होनी है। उसमें भी किसानों को फायदा है।